Stock Market : ताबड़तोड़ तेजी! इन 2 कारणों से भाग रहा SENSEX और NIFTY50 - Details
खबर लिखे जाने तक सुबह 10:02 बजे तक निफ्टी 50 इंडेक्स 2.90% या 696.15 अंक की तेजी के साथ 24,704.15 अंक पर कारोबार कर रहा था वहीं सेंसेक्स 2.82% या 2240.14 अंक चढ़कर 81,694.61 अंक पर कारोबार कर रहा था।

Sensex, Nifty: शेयर बाजार में कारोबारी हफ्ते के पहले दिन बंपर तेजी देखने को मिल रही है। दोनों प्रमुख सूचकांक Sensex और Nifty आज करीब 3% तक चढ़कर ट्रेड कर रहे हैं।
खबर लिखे जाने तक सुबह 10:02 बजे तक निफ्टी 50 इंडेक्स 2.90% या 696.15 अंक की तेजी के साथ 24,704.15 अंक पर कारोबार कर रहा था वहीं सेंसेक्स 2.82% या 2240.14 अंक चढ़कर 81,694.61 अंक पर कारोबार कर रहा था।
बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 11.32 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 427.84 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछली बार यह 416.52 करोड़ रुपये पर बंद हुआ था।
इन 2 कारणों से भाग रहा भारतीय शेयर बाजार
अमेरिका-चीन ट्रेड डील समझौते पर बातचीत में प्रगति और भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर के चलते निवेशकों का भरोसा भारतीय बाजार पर चढ़ा है।
HDFC Securities के देवर्ष वकील ने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन के बीच ट्रेड डील की घोषणा और अमेरिकी और चीनी अधिकारियों के बीच व्यापार चर्चा के लिए वीकेंड में स्विट्जरलैंड में बैठक की खबरों ने व्यापक वार्ता और टैरिफ में कमी का रास्ता दिखाया है।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के प्रशांत तापसे ने कहा कि निवेशकों की धारणा को इस बात से ताकत मिली कि भारत और पाकिस्तान के बीच रातभर कोई बड़ा तनाव नहीं हुआ है।
सेंसेक्स हीट मैप
सेंसेक्स में सबसे ज्यादा लाभ अडानी पोर्ट्स को हुआ, जो 3.88 फीसदी बढ़कर 1,357.85 रुपये पर पहुंच गया। बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फिनसर्व, इटरनल, पावर ग्रिड और रिलायंस इंडस्ट्रीज में 3 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई।
चौथी तिमाही के नतीजों से पहले टाटा स्टील 2.94 फीसदी बढ़कर 146.95 पर पहुंच गया। कंपनी ने बिक्री में मामूली वृद्धि के कारण तिमाही के लिए नेट प्रॉफिट में लगभग 85 फीसदी की वृद्धि की रिपोर्ट की है।
सेंसेक्स में सन फार्मा एकमात्र लूजर वाली कंपनी रही है क्योंकि HDFC Securities के देवर्ष वकील के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की है कि वह सोमवार को दवा की लागत कम करने के उद्देश्य से एक कार्यकारी आदेश पर साइन करेंगे। यदि इस नीति को लागू किया गया तो इससे अमेरिकी दवा कंपनियों और उनके भारतीय आपूर्तिकर्ताओं के राजस्व में काफी कमी आएगी।