SEBI ने क्यों जारी किए F&O के नए नियम?

निवेशकों की सुरक्षा, मार्केट स्टेबिलिटी के लिए उठाया कदम नए नियम 20 नवंबर 2024 से अलग-अलग चरणों में लागू होंगेl

Advertisement

By Harsh Verma:

1.    डेरिवेटिव के न्यूनतम कॉन्ट्रैक्ट साइज़ को बढ़ाया

न्यूनतम कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू मौजूदा 5-10 लाख रु से बढ़ाकर 15-20 लाख रुनया नियम 20 नवंबर 2024 से लागू (नए कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए)

2.    हफ्ते में प्रति एक्सचेंज सिर्फ एक एक्सपायरी होगी

SEBI ने वीकली एक्सपायरी का नियम बदला
1 हफ्ते में सिर्फ 1 बेंचमार्क इंडेक्स के कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी होगी
- फिलहाल हर दिन किसी ना किसी बेंचमार्क इंडेक्स की एक्सपायरी होती है
- स्पेक्युलेशन बहुत बढ़ गई है, मिनटों में हो रही है ट्रेडिंग
- इंडेक्स ऑप्शन में एक्सपायरी पर Hyperactive ट्रेडिंग हो रही है
- एक्सपायरी पर इंडेक्स की वैल्यू में उतार-चढ़ाव बहुत बढ़ गया है
- नया नियम 20 नवंबर 2024 से लागू

3.    एक्सपायरी के दिन शॉर्ट ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स पर अतिरिक्त मार्जिन

- ट्रे़डर सस्ते ऑप्शंस पर बहुत दांव लगाते हैं
- हीरो या जीरो ट्रेड के नाम पर छोटे ट्रे़डर्स को फंसाया जाता है
- Tail Risk Coverage के लिए एक्सपायरी के दिन शॉर्ट ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट पर अतिरिक्त मार्जिन
- 2% अतिरिक्त Extreme Loss Margin (ELM) लगाया जाएगा
- एक्सपायरी के दिन शॉर्ट ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट पर लगेगा 2% अतिरिक्त ELM
- नया नियम 20 नवंबर 2024 से लागू

4.    एक्सपायरी पर कैलेंडर-स्प्रेड का लाभ ख़त्म

- कैलेंडर स्प्रेड के तहत दो अलग-अलग एक्सपायरीज में अपोजिट पोजीशंस ली जाती हैं
- एक्सपायरी पर दूसरी एक्सपायरी में पोज़ीशन को ऑफसेट नहीं कर पाएंगे
- नया नियम 1 फरवरी 2025 से लागू होगा

5.    ऑप्शन प्रीमियम का अपफ्रंट कलेक्शन अनिवार्य

- ऑप्शंस के खरीदार को अपफ्रंट प्रीमियम देना होगा
- ट्रेडिंग मेंबर्स,क्लीयरिंग मेंबर्स अपफ्रंट मार्जिन कलेक्शन सुनिश्चित करें - SEBI
- नया नियम 1 फरवरी 2025 से लागू होगा

6.    पोज़ीशन लिमिट की इंट्राडे मॉनिटरिंग

- स्टॉक एक्सचेंज निर्धारित लिमिट को मॉनिटर करेंगे
- इंट्राडे और खासतौर पर एक्सपायरी पर पोज़ीशन लिमिट मॉनिटर की जाएगी
- नया नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू

SEBI ने क्यों जारी किए F&O के नए नियम?

- डेरिवेटिव ट्रेडिंग में जोख़िम बहुत ज़्यादा है
- रिटेल निवेशकों की F&O में भागीदारी बढ़ गई है
- रिटेल ज़्यादा मुनाफे के लालच में पड़ गए हैं
- अधिकांश को डेरिवेटिव मार्केट की समझ नहीं
- पिछले तीन साल में 93% इंडिविजुअल ट्रेडर्स को इक्विटी F&O ट्रेडिंग में घाटा हुआ
- FY22-24 में F&O ट्रेडर्स ने 1.8 लाख करोड़ रु से ज़्यादा लुटा दिए
- 10 में से 9 ट्रेडर्स को इक्विटी F&O में घाटा झेलना पड़ा है
- नए नियमों से छोटे ट्रेडर्स बड़े नुकसान से बच पाएंगे

Read more!
Advertisement