ऑटो शेयरों में उछाल! जानिए क्यों चढ़े टाटा मोटर्स, मारुति सुज़ुकी, अशोक लेलैंड जैसे दिग्गज स्टॉक्स

टाटा मोटर्स, मारुति सुज़ुकी इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) और अशोक लेलैंड जैसे दिग्गज स्टॉक्स निवेशकों के रडार पर है। चलिए जानते हैं आखिर ऑटो स्टॉक्स में आज क्यों तेजी देखने को मिल रही है?

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By Gaurav Kumar:

Auto Stocks: सोमवार 18 अगस्त को ऑटो सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में शानदार तेजी देखने को मिल रही है। खबर लिखे जानें तक सुबह 10:32 बजे तक Nifty Auto Index 4.59% या 1,107.40 अंक चढ़कर 25,226.20 अंक पर ट्रेड कर रहा था।    

टाटा मोटर्स, मारुति सुज़ुकी इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) और अशोक लेलैंड जैसे दिग्गज स्टॉक्स निवेशकों के रडार पर है। चलिए जानते हैं आखिर ऑटो स्टॉक्स में आज क्यों तेजी देखने को मिल रही है?

ऑटो स्टॉक्स में आज तेजी क्यों?

दरअसल बाजार में उम्मीद है कि आगामी जीएसटी सुधारों के तहत वाहनों पर टैक्स रेट मौजूदा 28% से घटाकर 18% कर दी जाएगा। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बिजनेस टुडे को बताया कि नए सुधारों का मकसद इंजन क्षमता और वाहन आकार से जुड़े कैटेगराइजेशन विवादों को सुलझाना है।

इससे ऑटो टैक्स स्ट्रक्चर में वर्षों से जमा गलतियों को दूर करने का प्रयास होगा। वर्तमान में छोटे वाहनों (4 मीटर तक, 1200 सीसी तक पेट्रोल/CNG/LPG इंजन) पर कुल 29% टैक्स (28% जीएसटी + 1% सेस) लगता है, जबकि समान आकार के डीजल वाहनों पर 31% और बड़े कारों और एसयूवी पर 43% से 50% तक टैक्स दर लागू है, जो दुनिया में सबसे ऊंची दरों में गिनी जाती है।

सुबह 10:32 बजे तक के आंकड़े

ब्रोकरेज फर्मों की राय

ब्रोकरेज एमके ग्लोबल ने कहा है कि भारत का जीएसटी सुधार बहुत अच्छा और विकास को बढ़ावा देने वाला कदम है। इससे बाजार में पॉजिटिव बदलाव आएगा। ब्रोकरेज ने सितंबर 2026 तक निफ्टी का टारगेट 28,000 रखा है और निवेशकों को ऑटो और सीमेंट सेक्टर में निवेश करने की सलाह दी है। एमके ग्लोबल ने मारुति सुज़ुकी और हीरो मोटोकॉर्प को अपनी पसंदीदा ऑटो कंपनी बताया है।

मोतिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) का मानना है कि जीएसटी दर में कटौती से मारुति सुज़ुकी इंडिया, टाटा मोटर्स और अशोक लेलैंड टॉप गेनर होंगे। MOFSL की रिपोर्ट के मुताबिक यह बाजार के लिए स्वागत योग्य होगा।

आपको बता दें कि सरकार जीएसटी सुधारों में चार स्लैब की जगह सिर्फ दो स्लैब रख सकती है। जिसमें ‘सिन गुड्स’ को छोड़कर बाकी सभी पर असर पड़ेगा। MOFSL का कहना है कि सरकार के कई कदमों से वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही में ग्रोथ डायनैमिक्स और निवेशक भावनाओं में सुधार होगा।

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