बाज़ार को लेकर क्या है आउटलुक, क्या बनाएं इस समय निवेश की रणनीति ?

लगातार बाजार में इस वक्त उतार-चढ़ाओ देखे को मिल रहा है। इसी बिच कई कंपनी के शेयर ने निवेशकों को अच्छे रिटर्न भी दिए है। इसी मुद्दे पर बिज़नेस टुडे बाज़ार ने बात की बजाज फिनसर्व एसेट मैनेजमेंट के सीईओ निमेश चंदन से क्या कहना है उनका आइये जानते है

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 घरेलू स्तर पर मैक्रो और माइक्रो दोनों मजबूत दिख रही हैं
घरेलू स्तर पर मैक्रो और माइक्रो दोनों मजबूत दिख रही हैं

By BT बाज़ार डेस्क:

निफ्टी में हल्के करेक्शन के बाद अब सवाल उठ रहा है कि बाजार में किस तरह की रणनीति अपनाई जाए। इसी मुद्दे पर बिज़नेस टुडे बाज़ार ने बात की बजाज फिनसर्व एसेट मैनेजमेंट के सीईओ निमेश चंदन से बातचीत


सवाल : अगले एक साल के शेयर बाजार को लेकर किस तरह का आउटलुक दिख रहा है ?

उत्तर: घरेलू स्तर पर मैक्रो और माइक्रो दोनों मजबूत दिख रही हैं। बैंक अच्छी तरह से कैपिटलाइज्‍ड हैं और कॉर्पोरेट बैलेंस बेहतर स्थिति में हैं। रियल एस्टेट और कॉरपोरेट कैपेक्‍स साइकिल में लंबे अंतराल के बाद आखिरकार तेजी देखी जा रही है। यह सब इक्विटी बाजारों के लिए अर्निंग अपग्रेड साइकिल के लिए अच्छे संकेत हैं। करंट अकाउंट डेफिसिट के बेहतर आउटलुक के बीच कम हो रही महंगाई और रुपये में स्थिरता हमें यह भरोसा दिलाता है कि ब्याज दरों एक निश्चित सीमा के भीतर स्थिर रहने की संभावना है। हालांकि, संतुलन के संभावित जोखिम भी हमेशा बने रहते हैं।

सवाल : यह देखते हुए कि बाजार आल टाइम हाई के आस पास है, क्या निवेशकों को अब फ्लेक्सी-कैप फंड में निवेश करना चाहिए?

उत्तर: एब्सॉल्यूट मार्केट वैल्यू अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर हो सकता है, लेकिन यह 20 महीनों तक करेक्‍शन के बाद आ रहा है, जिसमें अर्निंग बढ़ी है। इसलिए हमारा मानना है कि वैल्यूएशन अभी भी बहुत महंगा नहीं हैं। बाजार में कुछ ऐसे सेक्‍टर है, जिनका वैल्यूएशन फेयर और आकर्षक है। इसके अलावा, NFO के बाद हम क्रमबद्ध तरीके से ओपन करेंगे और अपनी पोजिशंस भरने के लिए अगले कुछ महीनों में ओवर रिएक्‍शन और अंडर रिएक्‍शन के तहत बाजार का इस्तेमाल करेंगे। जबकि हमारे पास यूनिवर्स की पहचान है, वैल्यूएशन यह तय करेगा कि पोजिशंस की एंट्री और साइज क्या होगा।

एब्सॉल्यूट मार्केट वैल्यू अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर हो सकता है

सवाल : आपके मार्केट कैप, सेक्टर और स्टॉक के सेलेक्‍शन के पीछे क्या अप्रोच रहता है?

उत्तर: हमने एक महत्वपूर्ण रणनीति मेगाट्रेंड्स इन्वेस्टिंग की पहचान की है, जो लॉन्‍ग टर्म के निवेशकों की जरूरतों को पूरा करती है। यह रणनीति फ्लेक्सी कैप फंड के लिए बेहतर और उपयुक्त है।  यह निवेश के लिए उन कंपनियों का चुनाव करती है, जिनके बिजनेस में लॉन्‍ग टर्म बदलावों के आधार पर ग्रोथ की मजबूत संभावना है। हमने जो रणनीति अपनाई है, वह हमें उन कंपनियों के लिए बाजार में स्क्रीनिंग करने में मदद करती है, जो लॉन्‍ग टर्म बदलावों के पॉजिटिव साइड पर हैं। यह यूनिवर्स जिसे शॉर्ट लिस्‍ट करते हैं, एक कंपनी स्‍पेसिफिक एनालिसिस से गुजरता है, जहां हम यह जांच करते हैं कि ट्रेंड का मोनेटाइज करने की क्षमता वित्तीय उचित परिश्रम और वैल्यूएशन का एनालिसिस। इसलिए हम उन विकल्पों पर फोकस करते हैं, जहां हमें किसी विशेष मार्केट कैप कैटेगरी के वेट को टारगेट करने की बजाय बेहतर रिस्‍क-एडजस्टेड रिटर्न दिखता है। हर सेक्टर के अंदर, मेगाट्रेंड्स इन्वेस्टिंग रणनीति उन कंपनियों को चुनती है, जो उस सेक्टर को प्रभावित करने वाले मेगाट्रेंड्स को कैपिटलाइज यानी भुनाने के लिए बेहतर स्थिति में हैं।

सवाल : हालांकि बाजार में बहुत से फ्लेक्सी-कैप फंड उपलब्ध हैं, एक निवेशक को फंड चुनने से पहले क्या देखना चाहिए?

उत्तर: फ्लेक्सी-कैप फंड किसी फंड मैनेजर को कंपनी के बाजार पूंजीकरण के आकार के बावजूद सभी सेक्टर के शेयरों में निवेश करने की सुविधा देते हैं। इस तरह का लचीलापन फंड मैनेजर को बाजार की गतिशीलता के अनुसार और उनके मार्केट आउटलुक के आधार पर पोर्टफोलियो में बदलाव करने की भी सुविधा देता है। हमारा मानना है कि एक निवेशक को बेहतर फ्लेक्सी कैप फंड का मूल्यांकन करने के लिए, ऐसे फंड पर ध्यान देना चाहिए जो अपनी इन्‍वेस्‍टमेंट स्‍ट्रैटेजी के बारे में निवेशकों को बेहतर तरीके से समझा सकें, सक्रिय रूप से प्रबंधित हों, जो परफॉर्म करने के लिए बेंचमार्क इंडेक्स को ट्रैक करने की बजाए पेशेवर दृढ़ विश्वास पर निर्मित हों। अलग-अलग निवेश रणनीति के साथ ऐसे फ्लेक्सी-कैप फंड में लंबी अवधि में बेंचमार्क पर हाई रिटर्न देने की क्षमता हो सकती है। इनके अलावा, सेलेक्‍शन के पहले कुछ अन्य पैरामीटर भी ध्‍यान देने के लिए हो सकते हैं। जैसे कि अलग अलग मार्केट साइकिल में प्रदर्शन, रिस्‍क एडजस्टेड रिटर्न, बदलती बाजार स्थितियों के अनुकूल पोर्टफोलियो में बदलाव आदि। हालांकि, एक निवेशक को कहीं भी निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेना समझदारी होगी।

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