वेलक्योर फार्मा की 25% हिस्सेदारी खरीदेगी सिंगापुर की ये कंपनी! 3% टूटा भाव, स्टॉक स्प्लिट और बोनस का भी ऐलान

कंपनी ने 70-80 करोड़ रुपये की लागत से नई रिसर्च लैब बनाने की घोषणा की है, जिससे फार्मा और आयुर्वेद प्रोडक्ट्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा मिलेगा।

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By Gaurav Kumar:

Penny Stock: फार्मा सेक्टर की स्मॉल कैप कंपनी, वेलक्योर ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (Welcure Drugs & Pharmaceuticals Ltd) के शेयरों में आज 3% से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है।

फिलहाल कंपनी का शेयर आज सुबह 10:38 बजे तक बीएसई पर 2.78% या 0.16 रुपये गिरकर 5.60 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

कंपनी ने बीते 27 सितंबर को हुई बोर्ड मीटिंग में कई अहम फैसले लिए। सबसे बड़ा फैसला सिंगापुर की टेलेक्सेल ट्रेड पीटीई लिमिटेड (Telexcell Trade PTE LTD) के उस प्रस्ताव पर हुआ, जिसमें उसने कंपनी में 25% हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की है। टेलेक्सेल ने वेलक्योर का शेयर ₹20 प्रति शेयर की दर से खरीदने की बात कही, जबकि उस दिन बाजार में वेलक्योर का शेयर सिर्फ ₹6.06 पर ट्रेड हो रहा था।

डील की शर्तें

  • टेलेक्सेल और वेलक्योर के बीच 3 सितंबर को शुरुआती LOI (Letter of Intent) साइन हुआ था।
  • बोर्ड ने साफ कर दिया कि कंपनी का पूरा कंट्रोल और फैसले बोर्ड और प्रोफेशनल टीम के पास ही रहेंगे।
  • टेलेक्सेल सिर्फ सेकेंडरी मार्केट से शेयर खरीदेगा, यानी किसी मौजूदा शेयरधारक से। कंपनी पर कोई नया कर्ज या देनदारी नहीं आएगी।

फिलहाल वेलक्योर को पैसों की जरूरत नहीं है। लेकिन भविष्य में फंड जुटाने की स्थिति आने पर टेलेक्सेल को पहली प्राथमिकता दी जाएगी।

कंपनी के लिए फायदे

कंपनी का कहना है कि यह डील कई लिहाज से फायदेमंद होगी:

  • ग्लोबल इन्वेस्टर का भरोसा मिलेगा।
  • कंपनी पर कोई नया कर्ज नहीं चढ़ेगा।
  • मौजूदा शेयरधारकों की हिस्सेदारी कमजोर नहीं होगी।
  • कंपनी की स्वतंत्रता और नियंत्रण बरकरार रहेगा।

स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयर पर भी फैसला

बोर्ड ने दो और बड़े फैसले लिए:

स्टॉक स्प्लिट: 10 रुपये के फेस वैल्यू वाले हर 1 इक्विटी शेयर को 1 रुपये के फेस वैल्यू वाले 10 इक्विटी शेयर में तोड़ा जाएगा। 

बोनस शेयर: हर 10 शेयर पर 1 बोनस शेयर दिया जाएगा।

कंपनी की आगे की योजना

कंपनी ने 70-80 करोड़ रुपये की लागत से नई रिसर्च लैब बनाने की घोषणा की है, जिससे फार्मा और आयुर्वेद प्रोडक्ट्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा मिलेगा।

इसके लिए वेलक्योर QIP के जरिए 80 करोड़ रुपये तक जुटाने पर विचार कर रही है। टेलेक्सेल डील को फाइनल करने के लिए दोनों कंपनियों के पास 90 दिन का समय है।

कुल मिलाकर, वेलक्योर बिना कर्ज और नियंत्रण गंवाए एक मजबूत ग्लोबल पार्टनरशिप के साथ आगे बढ़ रही है। इससे कंपनी और शेयरधारकों, दोनों को लंबे समय में फायदा हो सकता है।

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