22 करोड़ से ज्यादा शेयरों में हुआ कारोबार! 9% उछला वोडाफोन आइडिया का शेयर - इस खबर के उछला टेलीकॉम स्टॉक

शेयर में आज जबरदस्त तेजी इसलिए देखी गई, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी की केंद्र की तरफ से आए 9,450 करोड़ रुपये के नए AGR दावे को चुनौती देने वाली सुनवाई को टाल दिया।

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By Gaurav Kumar:

Vofafone Idea Share Price: देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) लिमिटेड के शेयरों में आज 9% की तेजी देखने को मिल रही है। बीएसई के डेटा के मुताबिकत दोपहर 1:20 बेज तक कंपनी के 22,26,01,897 (22 करोड़) इक्विटी शयेरों में कारोबार हुआ है। 

फिलहाल खबर लिखे जानें तक शेयर एनएसई पर दोपहर 1:54 बजे तक 6.51% या 0.51 रुपये चढ़कर 8.35 रुपये पर ट्रेड कर रहा था वहीं बीएसई पर स्टॉक 6.50% या 0.51 रुपये चढ़कर 8.36 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

क्यों आई स्टॉक में रैली?

शेयर में आज जबरदस्त तेजी इसलिए देखी गई, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी की केंद्र की तरफ से आए 9,450 करोड़ रुपये के नए AGR (Adjusted Gross Revenue) दावे को चुनौती देने वाली सुनवाई को टाल दिया। सरकार ने इस मामले में और समय मांगा है, इसलिए अगली सुनवाई अब 26 सितंबर को होगी।

सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि अब केंद्र के पास Vodafone Idea में भारी हिस्सेदारी है, इसलिए ग्राहकों के हितों का ध्यान रखते हुए कोई सॉल्यूशन निकालना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार कंपनी की हिस्सेदार भी है, इसलिए कोई ऐसा रास्ता निकाला जाना चाहिए जिसे सुप्रीम कोर्ट मंजूरी दे।

समझिए पूरा विवाद

यह विवाद मार्च 2020 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से जुड़ा है, जिसमें FY17 तक के AGR बकाया को सही माना गया था और ऑपरेटरों द्वारा फिर से समीक्षा की अनुमति नहीं दी गई थी। बावजूद इसके, दूरसंचार विभाग (DoT) ने FY18 और FY19 के लिए नए दावे पेश किए हैं। Vodafone Idea ने 8 सितंबर को दायर याचिका में कहा है कि नए दावे पहले से ही कोर्ट में निपटाए गए मामलों से जुड़े हैं।

केंद्र सरकार अब Vodafone Idea में लगभग 49% हिस्सेदारी रखती है, क्योंकि सरकार ने कंपनी के 53,083 करोड़ रुपये के बकाया को दो किश्तों में इक्विटी में बदला है। पहली बार फरवरी 2023 और दूसरी बार अप्रैल 2025 में।

9,450 करोड़ रुपये के नए दावे में से 2,774 करोड़ रुपये Idea Group और Vodafone Idea (मर्जर के बाद) पर लगाए गए हैं, जबकि 6,675 करोड़ रुपये Vodafone Group के प्री-मर्जर दौर के लिए हैं।

Vodafone Idea के ऊपर पहले से ही लगभग 83,400 करोड़ रुपये का AGR बकाया है, जिसकी किस्तें मार्च से हर साल 18,000 करोड़ रुपये की शुरू हो चुकी हैं। जुर्माना और ब्याज समेत कुल बकाया लगभग 2 लाख करोड़ रुपये आंका गया है।

कंपनी ने अपनी याचिका में कहा है कि नए दावे में से 5,606 करोड़ रुपये ऐसे हैं जो FY17 तक के लिए हैं और जो पहले ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश से तय हो चुके हैं। इसलिए, कंपनी ने इस दावे को रद्द करने और पूरी AGR बकाया राशि का फिर से मिलान करने की मांग की है।

Vodafone Idea ने चेतावनी दी है कि यह नया बकाया कंपनी के अस्तित्व के लिए खतरा है, जिससे लगभग 198 मिलियन ग्राहकों की सर्विस प्रभावित हो सकती हैं और 18,000 से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी पर भी खतरा मंडराने लगा है।

कंपनी ने DoT के नए लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के हिसाब पर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि यदि FY17 तक के स्पेक्ट्रम चार्ज शामिल किए जाएं तो मार्च 2025 तक अतिरिक्त बकाया करीब 6,800 करोड़ रुपये हो सकता है।

DoT ने 13 अगस्त को एक लेटर में कहा था कि FY19 तक के अपडेटेड लाइसेंस फीस के दावे कोर्ट के 2020 के आदेश में शामिल नहीं थे। उन्होंने जुर्माने और ब्याज के साथ राशि की पुनर्गणना की है, जिसमें ब्याज की दर 8% प्रति वर्ष रखी गई है।

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