भारतीय और अमेरिकी बाज़ार को लेकर दिग्गज निवेशक बसंत माहेश्वरी ने की भविष्यवाणी 

फेडरल रिजर्व का यह कदम अमेरिकी बाजार को अप्रत्यक्ष रूप से राहत देने का प्रयास है। जब सिस्टम में लिक्विडिटी आती है, तो शेयर बाजार को भी नियंत्रण मिल जाता है। इस प्रकार, बाजार की स्थिति को सुधारने में मदद मिलती है।

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भारतीय और अमेरिकी बाज़ार को लेकर दिग्गज निवेशक बसंत माहेश्वरी ने की भविष्यवाणी
भारतीय और अमेरिकी बाज़ार को लेकर दिग्गज निवेशक बसंत माहेश्वरी ने की भविष्यवाणी

By Aryan Jakhar:

दिग्गज निवेशक बसंत माहेश्वरी ने अपने यूट्यूब चैनल पर निफ्टी और अमेरिकी बाजार को लेकर कुछ भविष्यवाणियाँ की हैं। बसंत माहेश्वरी ने इस बात की ओर भी इशारा किया कि फेडरल रिजर्व ने 50 बिलियन डॉलर का बाय बैक प्रोग्राम शुरू कर दिया है। इसका मतलब है कि जब तक ब्याज दरें कम हैं, तब तक यह प्रोग्राम चालू रहेगा। फेडरल रिजर्व हर महीने सिस्टम में पैसे डालेंगे, जिससे लिक्विडिटी बढ़ेगी और बाजार में तेजी आएगी।

फेडरल रिजर्व का यह कदम अमेरिकी बाजार को अप्रत्यक्ष रूप से राहत देने का प्रयास है। जब सिस्टम में लिक्विडिटी आती है, तो शेयर बाजार को भी नियंत्रण मिल जाता है। इस प्रकार, बाजार की स्थिति को सुधारने में मदद मिलती है।

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भारत में एलटीसीजी का बदलाव

भारत में भी कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। पहले की तरह, अब एलटीसीजी (लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन) पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के लिए आपको स्वयं निर्णय लेना होगा। अगर आप इंडेक्सेशन बेनिफिट लेना चाहते हैं, तो 20 प्रतिशत टैक्स देंगे, अन्यथा 12.2 प्रतिशत टैक्स दे सकते हैं। यह परिवर्तन जुलाई के पहले या जुलाई के अंत तक लागू होगा।

सरकार पर काफी दबाव था कि वह पुराने सिस्टम को सरल बनाए, क्योंकि नए सिस्टम में पुराने प्रॉपर्टीज के लिए टैक्सेशन स्ट्रक्चर कठिन हो रहा था। अब आप अपनी प्रॉपर्टी के लिए टैक्सेशन स्ट्रक्चर को स्वयं चुन सकते हैं, जिससे यह अधिक लाभकारी हो सकता है।

स्टॉक मार्केट और हॉकी का तुलना

बसंत माहेश्वरी ने स्टॉक मार्केट और हॉकी मैच की तुलना की। उन्होंने बताया कि स्टॉक मार्केट में भी ऐसा ही होता है, जैसे हॉकी मैच में अंतिम क्षणों में अंतिम निर्णय लेना होता है। जब मार्केट गिरता है और निवेशकों के पास पैसे खत्म हो जाते हैं, तो एक ऐसा बिंदु आता है जहां उन्हें निर्णय लेना होता है कि क्या करना है।

उन्होंने एलोन मस्क का उदाहरण दिया, जिन्होंने 2008 में स्पेसएक्स और टेस्ला दोनों को बचाने का प्रयास किया और आज दोनों कंपनियाँ सफल हैं। यह दर्शाता है कि कई बार जीवन में हमें कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं और उसी निर्णय को सही बनाना होता है।

जर्मी सीगल और फेडरल रिजर्व की राय

हाल ही में, वॉटन के प्रोफेसर जर्मी सीगल ने फेडरल रिजर्व को 75 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती करने की सिफारिश की। उनका कहना है कि फेडरल रिजर्व को सितंबर में 150 बेसिस प्वाइंट्स का कुल कटौती करनी चाहिए। जर्मी सीगल की बातें सामान्यतः समझदारी भरी होती हैं, लेकिन यह देखना होगा कि फेडरल रिजर्व उनकी सलाह पर कितना अमल करता है।

फेडरल रिजर्व का काम महंगाई को नियंत्रित करना और रोजगार की स्थिति को सुधारना है। हालांकि, उनका एक और कार्य लोगों की वेल-बीइंग को भी देखना है। फेडरल रिजर्व का $50 बिलियन का बाय बैक प्रोग्राम भी इसी दिशा में एक कदम है, जो सिस्टम में पैसे डालकर आर्थिक स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रहा है।

बांग्लादेश की स्थिति

बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा की गई। मोहम्मद यूनुस की माइक्रोफाइनेंस थ्योरी को लेकर बंधन बैंक की स्थापना की गई थी। बांग्लादेश की स्थिरता और शांति हमारे लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे हमारे बॉर्डरिंग स्टेट्स में समस्या नहीं आएगी।

वर्तमान में, बांग्लादेश की स्थिति पर निगरानी रखनी होगी, और यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी गंभीर समस्या उत्पन्न न हो।

वॉरेन बफेट और पैसा

वॉरेन बफेट के पैसे का उपयोग कैसे होता है, इस पर भी चर्चा की गई। बफेट का पैसा एक स्कोर कार्ड की तरह होता है, लेकिन वह पैसे के लिए काम नहीं करते। उनका पैशन उनका काम ही होता है, और जब आप अपने पैशन में होते हैं, तो पैसा अपने आप आता है।

बिजनेस ग्रोथ और मल्टीपल प्लेयर समस्या

बिजनेस में मल्टीपल प्लेयर की समस्या पर भी प्रकाश डाला गया। जब नया बिजनेस स्टार्ट होता है, तो उसमें बहुत जल्दी स्पीड और एग्जीक्यूशन की जरूरत होती है। अगर आप जल्दी से अपने आईडिया को कार्यान्वित नहीं करते हैं, तो अन्य प्लेयर भी उसमें शामिल हो जाते हैं और आपका रिटर्न खत्म हो जाता है।

कैश आउट होने का प्रभाव

जब बाजार गिरता है और निवेशक कैश आउट होते हैं, तो पैसा कहां जाता है? यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण है। पैसा सिस्टम में ही रहता है, लेकिन जब बाजार तेज होता है, तो लोग पैसे को स्टॉक मार्केट में लगाते हैं। जब मंदी आती है, तो पैसा वापस निकालकर अन्य बाजारों में लगाया जाता है।

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