ताबड़तोड़ तेजी! 8% से ज्यादा उछला ओला इलेक्ट्रिक का शेयर - भाविश अग्रवाल की इस घोषणा के बाद उछला स्टॉक

ओला इलेक्ट्रिक का शेयर आज बीएसई पर 41.70 रुपये पर खुला और अब तक इसने अपना इंट्राडे हाई 44.73 रुपये को टच कर लिया है। 

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Bhavish Aggarwal
Bhavish Aggarwal

By Gaurav Kumar:

Ola Electric Share Price: सोमवार को ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयरों में शानदार तेजी देखने को मिल रही है। स्टॉक में आज 8% से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई है। ओला इलेक्ट्रिक का शेयर आज बीएसई पर 41.70 रुपये पर खुला और अब तक इसने अपना इंट्राडे हाई 44.73 रुपये को टच कर लिया है। 

क्यों आई शेयर में तेजी?

कंपनी के संस्थापक और चेयरमैन भाविश अग्रवाल ने एनुअल संकल्प इवेंट में आक्रामक ग्रोथ प्लान का ऐलान किया, जिसके बाद निवेशकों का रुझान पॉजिटिव हुआ। भाविश अग्रवाल मनीकंट्रोल को बताया कि कंपनी भारत के टू-व्हीलर ईवी बाजार में 25-30% हिस्सेदारी हासिल करना चाहती है। उन्होंने कहा कि हमारा टारगेट ईवी 2-व्हीलर में सेगमेंट में 25-30 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी हालिस करना है और मार्जिन को बेहद मजबूत करना है। 

हालांकि, ओला की मार्केट हिस्सेदारी जुलाई 2025 में 17.35% तक गिर गई, जबकि एक साल पहले यह 38.83% थी। इसी अवधि में रजिस्ट्रेशन 41,802 से घटकर 17,848 यूनिट रह गए।

प्रोडक्ट ट्रांजिशन और नए लॉन्च

पिछले छह महीनों में ओला ने Gen 2 स्कूटर्स को बंद कर Gen 3 मॉडल्स की सप्लाई बढ़ाई और पहली इलेक्ट्रिक बाइक लॉन्च की। अग्रवाल ने कहा कि दो क्वार्टर ट्रांजिशन के रहे। अब फेस्टिव सीजन से बाजार हिस्सेदारी और वॉल्यूम बढ़ने लगेंगे।

गीगाफैक्ट्री और बैटरी इनोवेशन

अग्रवाल ने साफ किया कि ईवी सेक्टर में मुनाफा सिर्फ स्केल से नहीं आता। EVs से पैसा कमाने के लिए वर्टिकल इंटिग्रेशन और टेक्नोलॉजी DNA जरूरी है।

कंपनी तमिलनाडु के कृष्णागिरी में अपनी गीगाफैक्ट्री पर दांव लगा रही है, जहां लिथियम-आयन सेल्स का निर्माण होगा। ये सेल्स न सिर्फ स्कूटर्स और बाइक्स बल्कि ड्रोन, रोबोटिक्स और ग्रिड स्टोरेज में भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

ओला ने घोषणा की कि उसका 4680 बैटरी सेल अब S1 Pro Plus स्कूटर और Roadster X Plus मोटरसाइकिल में इस्तेमाल होगा। इनकी डिलीवरी नवरात्रि (22 सितंबर) से शुरू होगी। फैक्ट्री की शुरुआती क्षमता 5 GWh है, जिसे चरणबद्ध तरीके से 100 GWh तक बढ़ाया जाएगा।

भारत का ईवी इकोसिस्टम अब भी चीन, जापान, कोरिया और ताइवान जैसे देशों से बैटरी सेल्स पर निर्भर है। ओला फिलहाल LG Chem और चीनी सप्लायर्स से सेल्स खरीदती है। अग्रवाल का मानना है कि इन-हाउस बैटरी डेवलपमेंट आयात निर्भरता कम करने की दिशा में बड़ा कदम होगा।

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