NSDL IPO: पता चल गया! इस दिन खुलेगा सब्सक्रिप्शन - चेक करें लेटेस्ट GMP और अन्य डिटेल

पिछले महीने कंपनी ने सेबी के पास ड्रॉफ्ट पेपर दाखिल किए थे। NSDL का आईपीओ 3000 करोड़ रुपये का हो सकता है। चेक करें आईपीओ डेट, जीएमपी और अन्य डिटेल।

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By BT बाज़ार डेस्क:

NSDL IPO: भारत की पहली और सबसे बड़ी सिक्योरिटी डिपॉजिटरी, NSDL (नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड) के आईपीओ के डेट सामने आ गई है। कंपनी के आईपीओ का सब्सक्रिप्शन इस महीने के अंत में सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा। 

पिछले महीने कंपनी ने सेबी से पास ड्रॉफ्ट पेपर दाखिल किए थे। स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी ग्रो के मुताबिक NSDL का आईपीओ 3000 करोड़ रुपये का हो सकता है। ग्रो के मुताबिक यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा। 

एक अन्य वेबसाइट आईपीओ वॉच के मुताबिक कंपनी OFS में 2 रुपये के फेस वैल्यू वाले 57,260,001 इक्विटी शेयर की पेशकश करेगी। 

NSDL IPO Dates

आईपीओ वॉच के मुताबिक कंपनी का आईपीओ 25 मार्च को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 31 मार्च 2025 को बंद होगा। 

NSDL IPO Price Band

कंपनी ने अभी तक इस आईपीओ का प्राइस बैंड और लॉट साइज तय नहीं किया है। 

NSDL Financials

आईपीओ वॉच के मुताबिक  साल 2023 में कंपनी ने 1,099.81 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया था जो साल 2022 में 789.94 करोड़ रुपये था। 2023 में कंपनी का प्रॉफिट 234.81 करोड़ रुपये रहा जो 2022 में 212.59 करोड़ रुपये था। 

NSDL IPO GMP

ग्रे मार्केट को ट्रैक करने वाली विभिन्न वेबसाइटों के मुताबिक कंपनी के आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) 0 रुपये है। 

NSDL के बारे में

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (NSDL) की शुरुआत 1996 में हुई थी। यह भारत की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी है। इसने भारत के पूंजी बाजार में सिक्योरिटीज के प्रबंधन के लिए एक आधुनिक प्रणाली बनाई है, जो ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक रूप में है। NSDL से पहले, भारत के पूंजी बाजार में कागज़-आधारित प्रणाली का उपयोग होता था। 

एनएसडीएल निवेशकों को "डीमैट अकाउंट" नामक स्पेशल अकाउंट के माध्यम से अपनी सिक्योरिटी को डिजिटल रूप में जमा करने में मदद करता है। इन खातों का प्रबंधन "डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स" द्वारा किया जाता है।

NSDL के माध्यम से, निवेशक डिजिटल रूप में विभिन्न प्रकार की प्रतिभूतियों को रख सकते हैं, जिनमें: 

  • शेयर (लिस्टेड और अनलिस्टेड)
     
  • प्रेफ़रेंस शेयर
     
  • वारंट
     
  • म्यूचुअल फंड
     
  • रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REIT)
     
  • डेट इंस्ट्रूमेंट (जैसे कॉर्पोरेट बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटी)
     
  • गोल्ड बॉन्ड
     
  • इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीद

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