Muthoot Finance Share: RBI का एक बयान और धड़ाम हुआ मुथूट फाइनेंस सहित IIFL Finance और Manappuram Finance

आज आरबीआई के एक बयान के बाद Muthoot Finance, Manappuram Finance और IIFL Finance जैसी गोल्ड फाइनेंसिंग कंपनियों के शेयरों में 9% तक की गिरावट आई है।

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By Gaurav Kumar:

Muthoot Finance Share: गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों के शेयरों में आज भारी गिरावट देखने को मिल रही है। यह गिरावट आरबीआई द्वारा किए गए एक बड़े घोषणा के बाद देखने को मिल रही है। 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गोल्ड लोन देने में आई तेजी को कंट्रोल करने के लिए व्यापक नियम जारी करने की योजना का ऐलान किया है जिसके बाद Muthoot Finance और IIFL Finance जैसी गोल्ड फाइनेंसिंग कंपनियों के शेयरों में 9% तक की गिरावट आई है। 

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​अपने पॉलिसी स्पीच के दौरान कहा कि बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान सोने के आभूषणों के बदले लोन देते हैं। इन लोन का देनदार द्वारा पर्सनल इनकम या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। गवर्नर ने आगे कहा कि निरंतरता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए, इन लोन को नियंत्रित करने के लिए नए नियम पेश किए जाएंगे।

Muthoot Finance के शेयर में आज  9% तक की गिरावट देखने को मिली है और शेयर अपने दिन के नीचले स्तर 2027.25 रुपये को टच किया है। इसके अलावा IIFL Finance के शेयर आज 6.4% गिरकर 305.55 रुपये के दिन के नीचले स्तर को छुआ है। वहीं Manappuram Finance आज 3% से अधिक गिरकर दिन के नीचले स्तर 221.75 रुपये पर आ गया है। 

मुथूट फाइनेंस की कुल Assets Under Management (AUM) में गोल्ड लोन का हिस्सा 98% है, जबकि मणप्पुरम फाइनेंस के लिए यह आंकड़ा 50% और आईआईएफएल फाइनेंस के लिए यह 21% है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैंकों और एनबीएफसी ने जनवरी 2025 तक बकाया गोल्ड लोन में 1.78 लाख करोड़ रुपये की जोरदार वृद्धि दर्ज की है, जो साल-दर-साल आधार पर 76.9 प्रतिशत अधिक है। सोने की कीमतों में उछाल के साथ ही गोल्ड लोन का कारोबार भी तेजी से बढ़ा है।

बैंकों और एनबीएफसी को यह एक अच्छा बिजनेस लगता है क्योंकि अगर लेनदार लोन नहीं चूका पाता तो देनदार सोने की नीलामी कर सकते हैं। अगर लेनदार सोना वापस गिरवी रखना चाहते हैं और लोन की अवधि बढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें अब लोन पर पूरा मूलधन और ब्याज चुकाना होगा।

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