मुहूर्त ट्रेडिंग 2025: संवत 2082 के लिए बाजार खुलने से पहले देखें ये 4 फैक्टर्स

निवेशकों को मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) के रूप में एक घंटे की विशेष ट्रेडिंग विंडो मिलेगी। यह परंपरा हिंदू नववर्ष संवत 2082 की शुरुआत को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाती है और इसे शुभ निवेश की शुरुआत माना जाता है।

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By Gaurav Kumar:

Muhurat Trading: भारतीय शेयर बाजार मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025 को दीवाली के अवसर पर बंद रहेगा। हालांकि, निवेशकों को मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) के रूप में एक घंटे की विशेष ट्रेडिंग विंडो मिलेगी। यह परंपरा हिंदू नववर्ष संवत 2082 की शुरुआत को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाती है और इसे शुभ निवेश की शुरुआत माना जाता है।

कब और कैसे होगी मुहूर्त ट्रेडिंग?

बीएसई (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों में मुहूर्त ट्रेडिंग का आज दोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे तक होगा। इससे पहले प्री-ओपन सेशन 1:30 बजे से शुरू होगा, जबकि पोस्ट-क्लोज मॉडिफिकेशन सेशन 2:55 बजे तक चलेगा।

हर साल की तरह, निवेशक इस सत्र में अपनी 'पहली ट्रेड' को शुभ आरंभ मानते हैं और यह दीवाली के दिन बाजार की पारंपरिक और भावनात्मक अहमियत को उजागर करता है। हालांकि आज के मुहूर्त ट्रेडिंग में बाजार खुलने से पहले आपको इन चार फैक्टर्स का ध्यान रखना चाहिए।

1. सोमवार का बाजार और ग्लोबल संकेत

सोमवार को भारतीय बाजारों ने लगातार चौथे सत्र में तेजी दर्ज की, जिससे त्योहारी ट्रेड से पहले सेंटीमेंट मजबूत रहा।

2. अंतरराष्ट्रीय बाजारों से भी सकारात्मक संकेत 

डॉव जोन्स 1.12% बढ़कर 46,706.58 पर बंद हुआ। S&P 500 में 1.07% की बढ़त के साथ 6,735.13 अंक पर क्लोजिंग रही और नैस्डैक कंपोजिट 1.37% उछलकर 22,990.54 पर पहुंचा।

3. सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर

MCX पर गोल्ड फ्यूचर्स ₹1,30,588 प्रति 10 ग्राम तक चढ़ गए। निवेशकों की सुरक्षित निवेश और त्योहारी मांग ने सोने के भावों को बढ़ाने में सहारा दिया। वहीं, गिफ्ट निफ्टी (Gift Nifty) में मंगलवार को ट्रेडिंग बंद रही, जो गुरुवार को दोबारा शुरू होगी।

4. तेल और वैश्विक अर्थव्यवस्था

सोमवार को कच्चे तेल के दाम मल्टी-मंथली निचले स्तरों पर बंद हुए, क्योंकि ग्लोबल सप्लाई ग्लट और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव से मांग को लेकर चिंता बढ़ी।

एक्सपर्ट की राय

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वी.के. विजयकुमार ने कहा कि संवत 2081 भारत के लिए अंडरपरफॉर्मेंस का साल रहा जिसकी मुख्य वजह भारत की अर्निंग ग्रोथ में तेज गिरावट रही। FY25 में यह घटकर 5% रह गई, जबकि पिछले तीन वर्षों में औसतन 24% थी।

उन्होंने आगे कहा कि लंबी अवधि में बाजार अर्निंग्स का गुलाम होता है। आगे की दिशा इस पर निर्भर करेगी कि ग्रोथ किस रफ्तार से सुधरती है। मौजूदा वित्तीय और मौद्रिक सुधारों के असर अब दिखने लगे हैं।

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