MobiKwik के शेयरों में 12% की जबरदस्त तेजी, इस खबर के बाद भागा स्टॉक

Mobikwik के शेयर में आज तूफानी तेजी देखने को मिली है। हाल ही में विदेशी कंपनी ने अपनी पूरी हिस्सेदारी बेची है। इस खबर के बाद निवेशकों ने Mobikwik के शेयर में दिलचस्पी दिखाई है।

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The One Mobikwik Systems IPO was oversubscribed, with bids totaling approximately $4.7 billion, about 120 times the shares offered. 
The One Mobikwik Systems IPO was oversubscribed, with bids totaling approximately $4.7 billion, about 120 times the shares offered. 

By Priyanka Kumari:

आज के ट्रेडिंग सेशन में Mobikwik की पेरेंट कंपनी One Mobikwik Systems Ltd के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। दोपहर 11 बजे तक कंपनी के शेयर करीब 12.7% बढ़कर ₹277.25 तक पहुंच गया। ये तेजी एक बड़ी ब्लॉक डील की खबर के चलते आई, जिसमें कंपनी के पुराने विदेशी निवेशक Net1 Applied Technologies Netherlands BV ने अपनी पूरी 8% हिस्सेदारी बेच दी।

Net1, जो साउथ अफ्रीका की Net1 UEPS Technologies की सब्सिडियरी है। यह कंपनी साल 2016 से Mobikwik में निवेशक थी। उस समय कंपनी ने ₹268 करोड़ (करीब 40 मिलियन डॉलर) लगाए थे ताकि भारत में वर्चुअल कार्ड टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया जा सके।

अब Net1 ने Mobikwik से पूरी तरह बाहर निकलने का फैसला कर लिया है। CNBC-TV18 की रिपोर्ट के मुताबिक यह ब्लॉक डील शेयर बाजार में थोड़े डिस्काउंट पर की गई, यानी शेयरों की बिक्री 8.4% तक कम दाम पर हुई।

मार्च 2025 की शेयरहोल्डिंग रिपोर्ट के अनुसार, Mobikwik में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 25.2% है, जबकि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के पास 3.9%, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) के पास 4.6% और आम निवेशकों के पास सबसे ज्यादा यानी 66.4% हिस्सेदारी है।

Mobikwik ने हाल ही में अपनी चौथी तिमाही (Q4 FY25) का परिणाम भी जारी किया है, जिसमें कंपनी को ₹56.03 करोड़ का घाटा हुआ है। पिछले साल इसी समय कंपनी का घाटा सिर्फ ₹67 लाख था। पूरे वित्त वर्ष में Mobikwik को ₹121.5 करोड़ का नुकसान हुआ। हालांकि कंपनी की आय थोड़ी बढ़कर ₹267.78 करोड़ हो गई है।

Mobikwik के शेयरों में जो यह तेजी आई है, वह एक बड़ी हिस्सेदारी की बिक्री और एग्जिट की वजह से है। निवेशकों के लिए यह जरूरी है कि वे Mobikwik की मौजूदा वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखकर ही कोई निवेश निर्णय लें। कंपनी का घाटे में रहना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन डिजिटल पेमेंट सेक्टर में इसका पॉजिटिव रोल भविष्य में इसे बेहतर पोजीशन में ला सकता है।

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