जानिए बाजार में गिरावट पर क्या कहा बसंत माहेश्वरी ने?
बसंत माहेश्वरी ने कहा कि अमेरिका के बाजार ने एक दिन तेजी और अगले दिन मंदी का प्रदर्शन किया है जिससे बाजार के कन्फ्यूजन पैदा हो गया है।

By प्रतिष्ठा अग्निहोत्री (Pratishtha Agnihotri) :
दिग्गज निवेशक बसंत माहेश्वरी ने अपने यूट्यूब चैनल पर निफ्टी और अमेरिकी बाजार को लेकर कुछ भविष्यवाणी की है। बसंत माहेश्वरी ने कहा कि अमेरिका के बाजार ने एक दिन तेजी और अगले दिन मंदी का प्रदर्शन किया है जिससे बाजार के कन्फ्यूजन पैदा हो गया है। DOW JONES और S&P 500 जैसे प्रमुख अमेरिकी इंडेक्सों में भारी उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया है, जिससे बाजार की वर्तमान स्थिति को समझना मुश्किल हो गया है।
Federal Reserve की संभावित दरों में कटौती की चर्चा भी बाजार को प्रभावित कर रही है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि बुरी खबरें भी बुरी ही रहती हैं और बाजार ने पहले से ही दरों में कटौती की उम्मीदें कर ली हैं। अमेरिका की कुल $35 ट्रिलियन का क़र्ज़ और उसके ब्याज भुगतान की मांग भी बाजार में चिंता का विषय है। Federal Reserve की पॉलिसी के विषय में निवेशकों की आशंकाओं के कारण बाजार में अस्थिरता देखी जा रही है।
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बसंत माहेश्वरी ने कहा कि वहीं, भारतीय बाजार भी हाल के दिनों में समान अस्थिरता का सामना कर रहा है। निफ्टी ने हाल ही में 25,000 का आंकड़ा छू लिया लेकिन उसके बाद भी बाजार में स्थिरता में कमी देखी गई है। भारतीय बाजार की स्थिति में हाल के उतार-चढ़ाव के चलते निवेशकों को अनिश्चिता का सामना करना पड़ रहा है। INFOSYS और अन्य प्रमुख भारतीय कंपनियों के मामलों में भी कानूनी मुद्दे और विवाद बाजार की धारणा को प्रभावित कर रहे हैं।
अमेरिकी और भारतीय बाजारों की वर्तमान स्थिति पर गौर करते हुए दोनों देशों में तकनीकी क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अमेरिकी बाजार में तकनीकी कंपनियाँ, जैसे MICROSOFT और NVIDIA प्रमुख लीडर के रूप में सामने आ रही हैं। इसके विपरीत, भारतीय बाजार में भी तकनीकी कंपनियों का दबदबा कायम है लेकिन मौजूदा कानूनी और आर्थिक चुनौतियाँ उनके विकास को प्रभावित कर रही हैं।
अमेरिकी बाजार में Bitcoin और अन्य cryptocurrencies की स्थिति ठंडी हो गई है जबकि जापानी Yen की ताकत में वृद्धि देखी जा रही है। जापान के बाजार में ब्याज दरों में वृद्धि हुई है जबकि UK ने दरों में कटौती की है। इन वैश्विक घटनाक्रमों का भारतीय बाजार पर भी प्रभाव पड़ा है।
अमेरिकी और भारतीय बाजार दोनों ही वर्तमान में अस्थिरता और अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं। निवेशकों को चाहिए कि वे बाजार की मौजूदा स्थिति को समझें और अपनी निवेश रणनीतियों में सावधानी बरतें। वैश्विक आर्थिक घटनाक्रम और नीतिगत बदलावों के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, भविष्य की दिशा तय करने के लिए सतर्कता बनाए रखना आवश्यक है।