AC से जुड़ी इस कंपनी का आ रहा है IPO

आईपीओ से जुटाई रकम का इस्तेमाल कंपनी विनिर्माण सुविधाओं के विस्तार के लिए और लोन चुकाने के लिए 80 करोड़ रुपये और बाकी रकम का इस्तेमाल आगे चलकर जनरल कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

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Epack Durable ड्यूरेबल लिमिटेड का IPO आने जा रहा है
Epack Durable ड्यूरेबल लिमिटेड का IPO आने जा रहा है

By Harsh Verma:

प्राइमरी मार्केट में पैसा लगाने वालों के पास एक और मौका आ गया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं नए IPO की। Epack Durable Limited का IPO आने जा रहा है। तो इस IPO से जुड़ी तमाम जानकारियां आपके सामने रखेंगे। इसके बिजनेस मॉडल से लेकर क्लाइंट तक और फाइनेंशिल्य से लेकर रिस्क तक और अफकोर्स ग्रे मार्केट में किस भाव पर ट्रेड कर रही है कंपनी, हर एक चीज आपको बताएंगे। 

कब आ रहा है IPO ?

तो सबसे पहले ये IPO आ कब रहा है तो कंपनी के मुताबिक, आईपीओ 19 जनवरी को खुलेगा और 23 जनवरी को बंद होगा। साथ ही एंकर निवेशक 18 जनवरी को बोली लगा पाएंगे। अब बात करते हैं प्राइस बैंड की। तो इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानि IPO के लिए प्रति शेयर प्राइस बैंड 218-230 रुपये तय किया है। अगला सवाल उठता है कि एक लॉट साइज कितना बड़ा है? निवेशक न्यूनतम 65 इक्विटी शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं। इसके लिए रिटेल निवेशकों को 218 के हिसाब से 14,170 रुपए चुकाने होंगे। वहीं अपर बैंड के हिसाब से यानि 230 रुपए के हिसाब से 14,950 रुपए। रिटेल निवेशक अधिकमत 13 लॉट के लिए बोली लगा सकता है। तो अलॉटमेंट की बात की जाए तो 24 जनवरी को होगा और 25 जनवरी को शेयर डिमैट अकाउंट में क्रेडिट होंगे और लिस्टिंग 29 जनवरी को होगी। तो ये बात तो क्लीयर हो गई। अब इस ऑफर से जुड़ी दूसरी डिटेल्स क्या हैं? तो Epack Durable के IPO में 400 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू है और OFS के जरिए मौजूदा शेयरहोल्डर्स 1.04  करोड़ इक्विटी शेयर्स की बिक्री करेंगे। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए 50 प्रतिशत, रिटेल निवेशकों के लिए 35 प्रतिशत और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स यानि NII के लिए 15 प्रतिशत रिजर्व रखे गए हैं।

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कंपनी करती क्या है?

अब सवाल उठता है कि कंपनी करती क्या है और उसके क्लाइंट्स कौन-कौन हैं? पहले एक एग्जाम्प्ल लेते हैं। जैसे बात करते हैं ब्लू स्टार कंपनी की। ये कंपनी AC खुद नहीं बनाती है बल्कि इनडोर और आउटडोर पार्ट्स को असेंबल करती है। जिसमें मदद करती EPACK Durable जैसी कंपनियां। तो EPACK Durable रूम एयर कंडीशनर्स स्पेस में ऑरिजनल डिजाइन मैन्युफैक्चरर है, जिसे ODM कहते हैं। कंपनी इसके साथ ही शीट मेटल पार्ट्स, इंजेक्शन मोलडेड पार्ट्स, क्रॉस फ्लो फैंस, printed circuit board assembly जैसे कॉम्पॉनेंट्स का प्रोडक्शन करती है। ये कंपनी कस्टमर फोकस्ड एंटरप्राइज, है जो लगातार इनोवेशन और ऑपरेशन को प्राथमिकता देती है। कंपनी की ग्रेटर नोएडा, भिवाड़ी और देहरादून में स्पेशलाइज्ड रिसर्च एवं डेवलपमेंट फैसिलिटीज हैं। ये फैसिलिटीज अलग-अलग तरह के उपकरणों को बनाती है। F&S रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी वित्त वर्ष 2023 में ODM रूट से निर्मित यूनिट्स (इनडोर + आउटडोर) की संख्या के मामले में भारत में दूसरा सबसे बड़ा रूम एयर कंडीशनर मूल डिजाइन निर्माता है। कंपनी ने RHP में ये जानकारी दी है। 

कंपनी के क्लाइंट्स कौन-कौन हैं? 

अब इसके क्लाइंट्स कौन-कौन से हैं। कंपनी के क्लाइंट्स Blue Star, डाइकिन एयरकंडीशनिंग इंडिया,Voltas, हैवेल्स इंडिया, हायर एप्लायंसेज (इंडिया), Bajaj Electricals, BSH Household Appliances Manufacturing और उषा इंटरनेशनल जैसी प्रमुख कंपनियों को सर्विस देती हैं।

कंपनी के फाइनेंशियल्स

कंपनी के फाइनेंशियल्स की बात करें तो पिछले साल से कंपनी फाइनेंशियल परफॉर्मेंस हेल्दी रही है लेकिन हाई इनपुट कॉस्ट के चलते ऑपरेटिंग मार्जिन्स पर दवाब देखने को मिल रहा है। ईयर ऑन ईयर बेसिस पर देखें तो वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का प्रॉफिट 83% बढ़कर 32 करोड़ पर आ गया है। इसी दौरान ऑपरेशन्स से रेवेन्यू 66% बढ़कर 1,539 करोड़ हो गया है। वहीं  EBITDA यानि earnings before interest, tax, depreciation and amortisation की बात की जाए तो यहां भी 49% बढ़कर 102 करोड़ हो गया है। लेकिन सेम पीरियड में मार्जिन्स में 78 bps का ड्रोप देखने को मिला है। 

अब रिस्क क्या हैं?

30 सितंबर 2023 तक कंपनी का टोटल आउटस्टैंडिंग कर्ज या डेट 369 करोड़ रुपए हैं। कंपनी का ज्यादातर रेवेन्यू टॉप 5 कस्टमर्स से ही आता है। कंपनी रॉ मटीरियल चीन से इंपोर्ट करती है। किसी भी तरह की पाबंदी केंद्र या राज्य सरकार के द्वारा बिजनेस पर बुरा असर डाल सकती है। साथ ही इनपुट कॉस्ट तो बड़ा कंसर्न है, जिसके चलते कंपनी के मार्जिन्स पर असर देखने को मिला है।

आईपीओ से जुटाई रकम का इस्तेमाल !

अब बात करते हैं कि आईपीओ से जुटाई रकम का इस्तेमाल कंपनी विनिर्माण सुविधाओं के विस्तार के लिए और लोन चुकाने के लिए 80 करोड़ रुपये और बाकी रकम का इस्तेमाल आगे चलकर जनरल कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। GMP की बात करें तो ये अभी फ्लैट चल रहा है।

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