Exit Poll Retail Investors: क्या बाज़ार की गिरावट में रिटेल निवेशक होशियार निकले?
भारतीय शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है. पिछले कुछ साल में रिटेल निवेशक शेयर बाजार में बढ़-चढ़कर भरोसा दिखा रहे हैं। भारतीय शेयर बाजार में रिटेल निवेशक अब स्मार्ट फैसले लेने लगे है। ऐसे ही कुछ संकेत NSE पर मौजूद आंकड़ों से भी मिल रहे हैं.

आप अकसर इस तरह की बातें सुनते होंगे कि रिटेल निवेशकों को सबसे ज्यादा नुकसान शेयर मार्केट में होता है। वो कई बार गलत फैसले कर लेते हैं। लेकिन अब हम आपके सामने कुछ ऐसे चौंकाने वाले आंकड़े रखने वाले हैं, जिसे देखकर लगेगा कि रिटेल निवेशक बाजार में पैसा बनाने के गुर सीख रहे हैं। वो बाजार के मिजाज को समझने लगे हैं। रिटेल निवेशक अब ज्यादा मैच्योर हो गए हैं। 3 जून और 4 जून में जो बाजार में खेल हुआ। उसके काफी इंट्रस्टिंग आंकड़े सामने आए हैं। आप सोचिए रिटेल निवेशकों ने अपने रणनीति के दमपर बड़े-बड़े घरेलू निवेशकों और FIIs को भी पछाड़ दिया है।
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टेल निवेशक अब स्मार्ट फैसले लेने लगे
अब आते हैं सीधा मुद्दे पर, भारतीय शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है. पिछले कुछ साल में रिटेल निवेशक शेयर बाजार में बढ़-चढ़कर भरोसा दिखा रहे हैं। भारतीय शेयर बाजार में रिटेल निवेशक अब स्मार्ट फैसले लेने लगे है। ऐसे ही कुछ संकेत NSE पर मौजूद आंकड़ों से भी मिल रहे हैं। पिछले हफ्ते बाजार में तेज उतार-चढ़ाव रहा. हफ्ते के पहले दिन ही बाजार नए रिकॉर्ड ऊपरी स्तर पर पहुंचा. लेकिन, उम्मीद के मुताबिक चुनाव नतीजे नहीं आने के बाद बाजार में 4 साल की सबसे बड़ी गिरावट भी दिखी। अब समझिए कि तरह से रिटेल निवेशकों ने यहां पैसा बनाया है।
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बिकवाली क्यों की?
NSE की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों से पता चलता है कि 3 जून को जब बाजार में रिकॉर्ड तेजी दिखने को मिली। बाजार ने 3.25% बढ़कर 23,263 के लेवल को टच किया तो रिटेल निवेशकों ने ₹8,588 करोड़ की बिकवाली कर मुनाफावसूली की। इस साल लगातार बिकवाली कर रहे विदेशी निवेशकों ने भी इस दिन बिकवाली की है। यहां बिकवाली क्यों की? क्योंकि ज्यादा निवेशक ये ही मान कर चल रहे थे कि बाजार अपने ऑल टाइम हाई के नजदीक है, ऐसे में शेयरों की तेजी के जरिए प्रॉफिट बुक किया जा सकता है। ज्यादातर निवेशक इंतजार भी कर रहे थे कि चुनाव नतीजों के आसापास पोर्टफोलियो को आधा खाली किया जाए। तो ऐसा ही देखने को मिला।
FIIs और म्यूचुअल फंड्स
अब बात करते हैं 4 जून की। अगले दिन जब बाजार में गिरावट दिखी जब Nifty में 1,379 points या 5.93% की गिरावट आई तो जानते हैं रिटेल निवेशकों ने क्या किया? तो रिटेल निवेशकों ने सस्ते वैल्युएशन पर खरीदारी की। 4 जून को रिटेल निवेशकों की ओर से ₹21,000 करोड़ से ज्यादा की खरीदारी देखने को मिली। FIIs और म्यूचुअल फंड्स ने 4 जून को ₹19,000 करोड़ की बिकवाली की थी। अप्रैल में ₹20,000 करोड़ की SIP हुई है।
रिटेल निवेशकों की ओर से गिरावट पर खरीदारी और तेजी पर बिकवाली
अब यहां खास बात है कि 5 जून को भी यह ट्रेंड जारी रहा, 5 जून को रिटेल निवेशकों ने ₹3,000 करोड़ के शेयर खरीदे. जबकि, इसके उलट FIIs ने ₹6,500 करोड़ के शेयर बेचे। इसके हिसाब से देखें तो दिग्गज एक्सपर्ट्स ने माना है कि भारतीय रिटेल निवेशक अब ज्यादा समझदार और परिपक्व हो चुके हैं, जो सिर्फ छोटी अवधि में बड़ा पैसा बनाने के लिए बारे में नहीं सोच रहे हैं. बल्कि, मौजूदा बाजार में लंबी अवधि के नजरिए के साथ दांव लगा रहे हैं। पिछले हफ्ते भी रिटेल निवेशकों की ओर से गिरावट पर खरीदारी और तेजी पर बिकवाली की रणनीति देखने को मिली है. ये रणनीति एक ऐसे समय पर कामयाब रही, जहां राजनीतिक अनिश्चितता के बीच बाजार में तेजी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा था।