BSE Share Update: बाज़ार धड़ाम लेकिन BSE की रैली खत्म नहीं हुई

बाजार में भारी गिरावट के बाद भी बीएसई के शेयरों में करीब 10 फीसदी की तेजी आई। हालांकि सेबी ने एफएंडओ सट्टेबाजी पर लगाम लगाने के लिए नए नियम लाए लेकिन फिर भी कुछ ब्रोकरेज का मानना है कि एफएंडओ का असर स्टॉक पर खत्म हो चुका है और बीएसई के पास अभी भी कई कारण है जो तेजी की और इशारा कर रहे हैं।

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By Ankur Tyagi:

बाजार में भारी गिरावट के बाद भी बीएसई के शेयरों में करीब 10 फीसदी की तेजी आई। हालांकि सेबी ने एफएंडओ सट्टेबाजी पर लगाम लगाने के लिए नए नियम लाए लेकिन फिर भी कुछ ब्रोकरेज का मानना है कि एफएंडओ का असर स्टॉक पर खत्म हो चुका है और बीएसई के पास अभी भी कई कारण है जो तेजी की और इशारा कर रहे हैं। 

IIFL Securities ने कहा

IIFL Securities ने कहा कि NSE का ऑप्शन प्रीमियम टर्नओवर 40 प्रतिशत तक प्रभावित हो सकता है; जबकि BSE का 20 प्रतिशत। उन्होंने कहा कि हाल ही में टैरिफ में वृद्धि को देखते हुए बीएसआई की आय पर प्रभाव कम होगा। घरेलू ब्रोकरेज का कहना है कि नए नियमों का बीएसई के रेवेन्यु केवल 5 प्रतिशत तक असर दिख सकता है। 

बीएसई की आय के लिए यह झटका बहुत मामूली होगा

मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि बीएसई की आय के लिए यह झटका बहुत मामूली होगा, भले ही डेरिवेटिव वॉल्यूम में पूर्वानुमान में 22 प्रतिशत की वृद्धि के बजाय 20 प्रतिशत की गिरावट हो। यह तब होगा जब प्रीमियम टू नोशनल टर्नओवर अनुपात 0.072 प्रतिशत से बढ़कर 0.09 प्रतिशत हो जाएगा। मोतीलाल ओसवाल ने बीएसई पर अपनी 'न्यूट्रल' रेटिंग बरकरार रखी है।

आईआईएफएल सिक्योरिटीज ने कहा कि दोनों स्टॉक एक्सचेंजों पर उसका रुख सकारात्मक बना हुआ है और अगर कीमत में सुधार होता है तो उसे इसमें शामिल करने की सलाह दी जाएगी।

सितंबर में बीएसई टर्नओवर

सितंबर में बीएसई ने टर्नओवर के मामले में अपने डेरिवेटिव बाजार में हिस्सेदारी को 27 प्रतिशत और प्रीमियम टर्नओवर के मामले में 13.3 प्रतिशत तक बढ़ाया है। बीएसआई एनएसई के मौजूदा उत्पादों की तुलना में अलग-अलग दिनों पर एक्सपायरी शुरू की है। एमओएफएसएल ने कहा कि बीएसई के लिए बड़ी बाजार हिस्सेदारी बैंकेक्स के बजाय सेंसेक्स से आती है।

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