कमजोर लिस्टिंग के बाद दौड़ा ब्लूस्टोन ज्वेलरी का स्टॉक! 4% से ज्यादा उछला भाव - शेयर ने इतने रुपये पर किया डेब्यू

हालांकि कमजोर लिस्टिंग के बाद स्टॉक में तेजी देखने को मिली और शेयर सुबह 11:05 बजे तक बीएसई पर 4.26% या 21.65 रुपये की तेजी के साथ 530.45 रुपये पर ट्रेड कर रहा था तो वहीं एनएसई पर स्टॉक 4.06% या 20.70 रुपये चढ़कर 530.70 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

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By Gaurav Kumar:

Bluestone Share Price: ज्वेलरी प्लेयर ब्लूस्टोन ज्वेलरी एंड लाइफस्टाइल के शेयरों में आज शेयर बाजार को निराश किया। ब्लूस्टोन के शेयरों की लिस्टिंग डिस्टकाउंट पर हुई। 

बीएसई पर इसका शेयर ₹517 के इश्यू प्राइस के मुकाबले 1.59% डिस्काउंट पर ₹508.80 पर हुआ। एनएसई पर यह 1.35% की गिरावट के साथ ₹510 पर खुला।

हालांकि कमजोर लिस्टिंग के बाद स्टॉक में तेजी देखने को मिली और शेयर सुबह 11:05 बजे तक बीएसई पर 4.26% या 21.65 रुपये की तेजी के साथ 530.45 रुपये पर ट्रेड कर रहा था तो वहीं एनएसई पर स्टॉक 4.06% या 20.70 रुपये चढ़कर 530.70 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

उम्मीद से कमजोर लिस्टिंग

लिस्टिंग से पहले ही ब्लूस्टोन के ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में तेज गिरावट देखी गई थी। आखिरी GMP महज ₹2 था, जो फ्लैट लिस्टिंग का संकेत दे रहा था।

कमजोर लिस्टिंग ने निवेशकों को नुकसान पहुंचाया। रिटेल निवेशकों को 29 शेयरों के लॉट पर लगभग ₹238 का घाटा हुआ। गैर-संस्थागत निवेशकों (NIIs), जिन्होंने कम से कम 406 शेयरों के 14 लॉट हासिल किए, उन्हें करीब ₹3,329 का नुकसान हुआ। वहीं बड़े HNI निवेशकों को, जिन्होंने 1,943 शेयरों के 67 लॉट लिए, लगभग ₹15,943 की चपत लगी।

इश्यू बुकिंग और फंडरेज

ब्लूस्टोन का ₹1,540.65 करोड़ का आईपीओ 11-13 अगस्त तक खुला था। इसमें ₹820 करोड़ का फ्रेश इश्यू और ₹720.65 करोड़ का ऑफर-फॉर-सेल शामिल था। प्राइस बैंड ₹492-517 प्रति शेयर और लॉट साइज 29 शेयर रखा गया था।

आईपीओ की कुल सब्सक्रिप्शन केवल 2.70 गुना रहा और लगभग 1.09 लाख आवेदन मिले। QIB कोटा 4.28 गुना भरा, जबकि रिटेल हिस्से को 1.35 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। लेकिन NIIs की हिस्सेदारी केवल 55% पर अटक गई।

कंपनी प्रोफाइल

जुलाई 2011 में स्थापित बेंगलुरु स्थित ब्लूस्टोन ज्वेलरी, डायमंड, गोल्ड, प्लेटिनम और स्टडेड ज्वेलरी का निर्माण और बिक्री करती है। मार्च 2025 तक कंपनी की 275 स्टोर्स 117 शहरों और 26 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूद हैं। यह 12,600 से अधिक पिन कोड्स को कवर करती है।

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