BCL Industries Share में तेजी, खरीदारी करें या रुके?

कंपनी के फाइनेंशियल्स की बात करें तो कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 60% से ज्यादा है। ये दिखाता है कंपनी का मैनेजमेंट मजबूती के साथ खड़ा है। अच्छी खासी डिविडेंड पइंग कंपनी है। कंपनी पर कर्ज 430 करोड़ रुपए का है। कंपनी का मार्केट कैप 1830 करोड रुपए का है।

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1976 में कंपनी की शुरुआत हुई थी यानि लंबे अरसे का इस कंपनी को तजुर्बा है
1976 में कंपनी की शुरुआत हुई थी यानि लंबे अरसे का इस कंपनी को तजुर्बा है

By Harsh Verma:

सरकार के एक फैसले से रॉकेट हो गया ये सस्ता स्टॉक। हम यहां बात कर रहे हैं BCL Industries की। शानदार तेजी इस स्टॉक में देखने को मिल रही है। एक ही दिन में करीब 10% की तेजी देखने को मिली है। इतना ही नहीं सिर्फ एक महीने में ये स्टॉक करीब 22% तक भाग चुका है। वहीं 6 महीने में ये शेयर 50% से ज्यादा दौड़ चुका है। अब यहां समझने की जरूरत की है कि सरकार के फैसले से इस स्टॉक को कितने लंबे वक्त के लिए धार मिल सकती है? क्या ये स्टॉक 100 रुपए तक जा सकता है या फिर मौजूदा लेवल के हिसाब से स्टॉक से दूरी बना लेनी चाहिए? तो सबसे पहले आपको बताते हैं कि सरकार की ओर से क्या फैसला लिया गया है। भारत में पेट्रोल डीजल की लगातार बढ़ती मांग की वजह से केंद्र सरकार और ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने मक्के से बनने वाले एथनॉल के भाव 5.79 रुपए प्रति लीटर बढ़ाकर 71.86 प्रति लीटर कर दिया है। मक्के से बनने वाले एथनॉल का मौजूदा भाव 66.07 रुपए प्रति लीटर है। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पैट्रोलियम जैसी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के जरिए मक्के से बनने वाले एथनॉल के रेट में बढ़ोतरी से उन डिस्टलरी को काफी मदद मिलने वाली है जो सब्सिट्यूट यानि वैकल्पिक स्रोत से एथनॉल बनाती है। इससे देश के कृषि लैंडस्केप में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है और मक्के की खेती को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। अब आप कहेंगे कि इस कंपनी का इस खबर से क्या लेना-देना तो आपको बता दें कि मकके से बनने वाले एथनॉल के भाव में बढ़ोतरी की ये खबर BCL इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों के लिए बहुत पॉजिटिव खबर है जो मक्के से एथनॉल बनाती हैं। अब ये फैसला कब से लागू है तो 5 जनवरी 2024 से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने मक्के से बनाए गए एथनॉल की कीमत में 5.79 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। 

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केंद्र सरकार देश में गन्ने की उपज में कमी की वजह से चीनी की किल्लत होने की आशंका के चलते वैकल्पिक स्रोत से एथनॉल बनाने पर जोर दे रही है। सरकार की इस कवायद का फायदा BCL इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों को मिल सकता है जो वैकल्पिक स्रोत से एथनॉल बनाती हैं। ये तो वो ट्रिगर हो गया जिसके चलते स्टॉक में तेजी है, अब आगे कैसी चाल रह सकती है इस स्टॉक की। इसके लिए बिजनेस टुडे ने बात की मार्केट एक्सपर्ट राघवेंद्र सिंह से। उनका कहना है कि कंपनी देश की लीडिंग एग्रो प्रोसेसिंग मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों में से एक है। कंपनी मक्के से एथनॉल बनाती हैं। सरकार के फैसले से कंपनी को फायदा मिलेगा। इसके अलावा कंपनी वनस्पती चावल और रियल एस्टेट बिजनेस में भी जुड़ी हुई है। उनका कहना है कि फिलहाल के लिए चार्ट काफी स्ट्रैच्ड दिख रहे हैं। गिरावट में खरीदारी की सलाह है और लॉन्ग टर्म के हिसाब से देखें तो ये स्टॉक 100 के लेवल पर भी जा सकता है। बिजनेस टुडे बाजार ने InvestMentor Securities के जय पटेल से भी बात की। उनका कहना है कि टेक्निकली देखें तो चार्ट काफी स्ट्रैचड दिखता है। गिरावट में स्टॉक में एंट्री बेहतर रणनीति होगी। मौजूदा वक्त में ये 9 और 21 डे एक्सपोंशल मूविंग एवरेज से काफी दूर है। 3 महीने के मंथली चार्ट्स को देखें तो ये स्ट्रॉन्ग बुलिश कैंडल दिखा रहा है। जय पटेल ने एंट्री के लिए 65 का जोन दिया है। वहीं PE के हिसाब से ये अपनी पियर कंपनियों से ज्यादा बेटर दिखता है। इस कंपनी के फाइनेंशियल्स की बात करें तो कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 60% से ज्यादा है। ये दिखाता है कंपनी का मैनेजमेंट मजबूती के साथ खड़ा है। अच्छी खासी डिविडेंड पइंग कंपनी है। कंपनी पर कर्ज 430 करोड़ रुपए का है। कंपनी का मार्केट कैप 1830 करोड रुपए का है। 1976 में कंपनी की शुरुआत हुई थी यानि लंबे अरसे का इस कंपनी को तजुर्बा है। देश की सबसे बड़ी एग्रो प्रोसेसिंग मैन्यूफैक्चरिंग  में से एक है।

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