इस आईटी कंपनी ने की बड़ी पार्टनरशिप, 4 करोड़ किसानों को होगा फायदा - 1 हफ्ते में 32% चढ़ चुका है स्टॉक

इस पार्टनरशिप के तहत कंपनी का लक्ष्य किसानों को ग्लोबल कार्बन मार्केट से जोड़ना और उन्हें सस्टेनेबल फार्मिंग के जरिए अतिरिक्त इनकम का अवसर देना है।

Advertisement

By Gaurav Kumar:

Stock on Radar: पिछले एक हफ्ते में 32 प्रतिशत चढ़ने वाला आईटी स्टॉक बारट्रॉनिक्स इंडिया (Bartronics India) ने अब क्लाइमेट-टेक स्टार्टअप नेट जीरो इनिशिएटिव (RenewCred) के साथ एक नॉन-बाइंडिंग एमओयू साइन किया है।

इस पार्टनरशिप के तहत कंपनी का लक्ष्य किसानों को ग्लोबल कार्बन मार्केट से जोड़ना और उन्हें सस्टेनेबल फार्मिंग के जरिए अतिरिक्त इनकम का अवसर देना है।

हालांकि आज इस पेनी आईटी स्टॉक में गिरावट देखने को मिल रही है और खबर लिखे जानें तक शेयर दोपहर 12:32 बजे तक बीएसई पर 4.78% या 0.81 रुपये गिरकर 16.12 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

किसानों को मिलेगा कार्बन क्रेडिट से फायदा

एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक बारट्रॉनिक्स, जिसके पास 5,000 गांवों में नेटवर्क और 4 करोड़ से अधिक किसानों तक पहुंच है, अब किसानों को ऐसी खेती अपनाने में मदद करेगा जो मिट्टी की सेहत सुधारे और वेरिफाइड कार्बन क्रेडिट पैदा करे। इन क्रेडिट्स को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचा जा सकेगा, जिससे किसानों की आय में इजाफा होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

RenewCred की भूमिका

RenewCred, जिसमें 90 से अधिक वैज्ञानिक जुड़े हैं, उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ की सरकारी एजेंसियों के साथ काम कर रहा है। कंपनी डिजिटल MRV सिस्टम, ड्रोन-आधारित मॉनिटरिंग और ब्लॉकचेन-सक्षम वेरिफिकेशन जैसी तकनीक से यह सुनिश्चित करती है कि कार्बन क्रेडिट्स की जेनरेशन और ट्रेडिंग पारदर्शी और विश्वसनीय हो।

बारट्रॉनिक्स की नई रणनीति
अब तक ग्रामीण फाइनेंस पर फोकस कर रही बारट्रॉनिक्स, नई मैनेजमेंट के साथ अब एग्री-टेक और क्लाइमेट-टेक में कदम बढ़ा रही है। कंपनी मानती है कि अपने किसान नेटवर्क को RenewCred की तकनीक से जोड़कर वह ऐसा मॉडल बना सकती है जिससे ग्रामीण लोग कार्बन क्रेडिट से फायदा उठा सकें।

बढ़ता ग्लोबल कार्बन मार्केट

विशेषज्ञों के अनुसार, ग्लोबल कार्बन मार्केट 2030 तक कई अरब डॉलर का उद्योग बन सकता है। इसकी मांग और टिकाऊ समाधानों की जरूरत लगातार बढ़ रही है। ऐसे में बारट्रॉनिक्स का यह कदम इसे ग्रामीण विकास के साथ-साथ जलवायु संरक्षण के क्षेत्र में भी अहम बनाता है।

Read more!
Advertisement