एक्सिस बैंक का शेयर धड़ाम! 4% गिरा भाव - जानिए क्यों टूटा शेयर और अब क्या है लेटेस्ट टारगेट प्राइस
शेयर आज करीब 4% गिरा है। फिलहाल खबर लिखे जानें तक दोपहर 12:30 बजे तक स्टॉक एनएसई पर 3.81% या 49 रुपये गिरकर 1,235.80 रुपये पर कारोबार कर रहा था तो वहीं बीएसई पर स्टॉक 3.74% या 48.05 रुपये टूटकर 1236.15 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।

Axis Bank share price: मंगलवार को एक्सिस बैंक (Axis Bank) के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। शेयर आज करीब 4% गिरा है। फिलहाल खबर लिखे जानें तक दोपहर 12:30 बजे तक स्टॉक एनएसई पर 3.81% या 49 रुपये गिरकर 1,235.80 रुपये पर कारोबार कर रहा था तो वहीं बीएसई पर स्टॉक 3.74% या 48.05 रुपये टूटकर 1236.15 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।
क्यों आई गिरावट?
स्टॉक में आज यह गिरावट बैंक की नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) रिकवरी में देरी के संकेत के बाद आई है। बैंक का कहना है कि मार्जिन पहले बताई गई समय-सीमा से बाद में बॉटम आउट करेंगे।
एक्सिस बैंक ने अपने आउटलुक में बदलाव करते हुए कहा है कि NIMs अब FY26 की चौथी तिमाही या पहली तिमाही में निचला स्तर छू सकते हैं। इससे पहले बैंक ने तीसरी तिमाही में NIMs के बॉटम आउट होने का संकेत दिया था। मैनेजमेंट ने सिटी रिसर्च को बताया कि मार्जिन की रिकवरी 'शैलो, C-शेप' पैटर्न में होगी।
बैंक का टारगेट अगले 15-18 महीनों में NIMs को 3.8% तक ले जाने का है। दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 3.73% रहा था। मार्जिन रिकवरी की रफ्तार उम्मीद से धीमी रहने के कारण निवेशकों की चिंता बढ़ी, जिसका सीधा असर शेयर कीमत पर दिखा।
Axis Bank Share Price Target
सिटी रिसर्च ने एक्सिस बैंक पर ‘Neutral’ रेटिंग बनाए रखी है और टारगेट प्राइस 1,285 रुपये रखा है। ब्रोकरेज के मुताबिक, कॉरपोरेट लोन सेगमेंट में गतिविधि बढ़ रही है। वहीं, रिटेल बिजनेस में भी सुधार के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं, हालांकि इसमें स्थायी तेजी पर अभी नजर रखने की जरूरत है।
ब्रोकरेज ने कहा कि बैंक के क्रेडिट कार्ड पोर्टफोलियो में टेंशन कम हो रहा है और पर्सनल लोन ग्रोथ अब स्थिर होती दिख रही है। इसके अलावा, एक्सपोर्ट-ओरिएंटेड MSME सेगमेंट में किसी तरह के तनाव के संकेत नहीं मिले हैं। यह बैंक की एसेट क्वालिटी के लिए राहत की बात मानी जा रही है।
हालांकि, सिटी ने चेतावनी दी है कि कृषि साइकल के चलते तीसरी तिमाही में स्लिपेज में कुछ मौसमी बढ़ोतरी दिख सकती है। इसके बावजूद, ब्रोकरेज का मानना है कि यह बढ़ोतरी पहली तिमाही के मुकाबले कम गंभीर होगी।
फीस-टू-एसेट रेशियो को बेहतर बनाने को लेकर भी चुनौतियां बनी हुई हैं। सिटी के मुताबिक, निकट भविष्य में इस मोर्चे पर ऑप्टिमाइजेशन सीमित रह सकता है।