लेजर हथियार टेक्नोलॉजी के लिए DRDO से मिला बड़ा अप्रूवल! इस डिफेंस स्टॉक में लगा 5% का अपर सर्किट

कंपनी ने आज अपने फाइलिंग में बताया कि उसे डीआरडीओ (DRDO) से लेजर आधारित Directed Energy Weapon (DEW) से जुड़ी 2 अलग-अलग ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी (ToT) की मंजूरी मिली है।

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By Gaurav Kumar:

Defence Stock: एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर की कंपनी, अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड (Apollo Micro Systems Ltd) के शेयर में आज 5% का अपर सर्किट लगा है। स्टॉक में यह तेजी कंपनी द्वारा आज दी गई बड़ी जानकारी के बाद आई है। 

कंपनी ने आज अपने फाइलिंग में बताया कि उसे डीआरडीओ (DRDO) से लेजर आधारित Directed Energy Weapon (DEW) से जुड़ी 2 अलग-अलग ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी (ToT) की मंजूरी मिली है।

  • पहली टेक्नोलॉजी 10 किलोवाट मल्टी-चैनल लेजर DEW सिस्टम से जुड़ी है, जिसे हैदराबाद स्थित CHESS लैब ने बनाया है। 
  • दूसरी टेक्नोलॉजी DEW के लिए EO सेंसर के साथ इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम से जुड़ा है, जिसे देहरादून की IRDE लैब ने तैयार किया है।

कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर करुणाकर रेड्डी ने कहा कि डीआरडीओ से मिली ये दोनों टेक्नोलॉजी ट्रांसफर अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के लिए एक अहम उपलब्धि हैं। इससे डायरेक्टेड एनर्जी वेपन के क्षेत्र में कंपनी की क्षमताएं मजबूत होंगी और स्वदेशी रक्षा तकनीक विकसित करने के भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को भी समर्थन मिलेगा।

उन्होंने बताया कि कंपनी पहले से ही भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम बना रही है, जिसमें सॉफ्ट-किल और हार्ड-किल सॉल्यूशन शामिल हैं। डीआरडीओ से मिली ये नई DEW तकनीकें मौजूदा प्रोजेक्ट्स को और मजबूती देंगी और बदलते हवाई खतरों से निपटने में मददगार साबित होंगी।

Directed Energy Weapon क्या है?

एक्सचेंज फाइलिंग से मिली जानकारी के मुताबिक, डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) में अधिक शक्तिशाली लेजर का उपयोग करके लक्ष्य को नुकसान पहुंचाया जाता है। इसका सैन्य उपयोग काफी व्यापक है और यह ड्रोन (UAV), मिसाइलों और छोटे वाहनों जैसे खतरों पर तेज और सटीक हमला करने में सक्षम है।

DEW की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका इस्तेमाल हर तरह के युद्ध वातावरण में किया जा सकता है। ये अत्याधुनिक तकनीकें अपोलो माइक्रो सिस्टम्स को रक्षा जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण DEW सब-सिस्टम्स के डिजाइन, निर्माण और सपोर्ट में सक्षम बनाएंगी, जिससे एडवांस हथियार सिस्टम के क्षेत्र में देश की स्वदेशी क्षमता और मजबूत होगी।

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