भारत में क्यों बढ़ रही प्रीमियम-लग्जरी घरों की डिमांड? टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी मांग तेज, जानिए 2026 का आउटलुक
एक्सपर्ट बताते हैं कि कोविड के बाद रिमोट वर्क, बढ़ी हुई आय, किराए की बचत और बेहतर लाइफस्टाइल की चाह ने लोगों को बड़े और बेहतर घर खरीदने के लिए प्रेरित किया है। यह ट्रेंड सिर्फ मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी तेजी से फैल रहा है।

भारत के रेजिडेंशियल रियल एस्टेट बाजार में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। BASIC होम लोन के CEO और को-फाउंडर अतुल मोंगा के मुताबिक, अब होम बायर्स की पसंद सस्ते घरों से निकलकर प्रीमियम और लग्जरी हाउसिंग की ओर बढ़ रही है।
टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी बढ़ रहा है ट्रेंड
एक्सपर्ट बताते हैं कि कोविड के बाद रिमोट वर्क, बढ़ी हुई आय, किराए की बचत और बेहतर लाइफस्टाइल की चाह ने लोगों को बड़े और बेहतर घर खरीदने के लिए प्रेरित किया है। यह ट्रेंड सिर्फ मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी तेजी से फैल रहा है।
कीमतों में तेज बढ़ोतरी ने बदला समीकरण
BASIC होम लोन के अतुल मोंगा के अनुसार, 2022 के बाद से 1 करोड़ रुपये से ऊपर की कीमत वाले लग्जरी घरों में करीब 40 फीसदी तक की बढ़त दर्ज की गई है, जबकि अफोर्डेबल हाउसिंग में यह बढ़त करीब 26 फीसदी रही। इससे साफ है कि खरीदारों की प्राथमिकताएं बदल रही हैं और रियल एस्टेट में निवेश का रुख अब वैल्यू की ओर ज्यादा है, न कि सिर्फ वॉल्यूम की ओर।
होम लोन मार्केट में भी दिख रहा असर
एक्सपर्ट के मुताबिक इस बदलाव का सीधा असर होम लोन बाजार पर पड़ा है। भले ही कर्ज लेने वालों की संख्या में हल्की कमी आई हो, लेकिन एवरेज होम लोन अमाउंट बढ़ा है। यानी लेंडर्स की ग्रोथ अब वॉल्यूम से ज्यादा वैल्यू के दम पर हो रही है। बैंक और वित्तीय संस्थान भी इस ट्रेंड को देखते हुए अपनी रणनीति बदल रहे हैं।
अमीर खरीदारों के लिए नए लोन प्रोडक्ट
अतुल मोंगा के मुताबिक, अब लेंडर्स प्रीमियम खरीदारों के लिए खास होम लोन प्रोडक्ट लेकर आ रहे हैं। इनमें ज्यादा लोन-टू-वैल्यू रेशियो, लचीले रिपेमेंट ऑप्शन और बिल्डर्स के साथ को-लेंडिंग मॉडल शामिल हैं। इससे लग्जरी सेगमेंट में फाइनेंसिंग और आसान हो रही है, जिससे मांग को और सपोर्ट मिल रहा है।
2026 का आउटलुक
2026 की बात करें तो एक्सपर्ट्स मानते हैं कि प्रीमियम और लग्जरी हाउसिंग की मांग मजबूत बनी रह सकती है। हालांकि, इसका दूसरा पहलू यह है कि डेवलपर्स का ज्यादा फोकस लग्जरी प्रोजेक्ट्स पर होने से पहली बार घर खरीदने वालों के लिए अफोर्डेबिलिटी की चुनौती बढ़ सकती है। ऐसे में जरूरी है कि प्रीमियम ग्रोथ के साथ-साथ अफोर्डेबल हाउसिंग को भी बराबर महत्व दिया जाए।