ब्याज में उलझा प्यार! शादी का खर्च उठाने के लिए लोन लेना समझदारी है या मुसीबत?

आजकल कई लोग अपने ड्रीम वेडिंग के लिए पर्सनल लोन (Wedding Loan) ले रहे हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स इसे लेकर चिंता जता रहे हैं।

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Weddings may be magical, but the financial aftermath doesn’t have to be daunting. (Photo: Generated by AI)

By Priyanka Kumari:

शादी जिंदगी का सबसे खास दिन होता है, लेकिन क्या इस एक दिन की चमक के लिए सालों तक ईएमआई की बोझ उठाना समझदारी है? आजकल कई लोग अपने ड्रीम वेडिंग के लिए पर्सनल लोन (Wedding Loan) ले रहे हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स इसे लेकर चिंता जता रहे हैं।

वेडिंग लोन असल में क्या होता है?

विभवांगल अनुकुलकारा प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर सिद्धार्थ मौर्य बताते हैं कि वेडिंग लोन असल में एक पर्सनल लोन ही होता है, जिसे लोग अपने सेविंग्स को बचाने के लिए लेते हैं। पर बिना सोचे-समझे लिया गया लोन बाद में भारी पड़ सकता है। 

FINTELS फाइनेंशियल प्लानिंग के फाउंडर मनीष जसोरिया का कहना है कि शादी एक दिन में खत्म हो जाती है, लेकिन उसका लोन सालों तक पीछा करता है। भारत में पर्सनल लोन पर 10% से 24% तक का ब्याज लगता है, जो कि काफी ज्यादा है। इससे आपकी क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है और आगे की जिंदगी में भी लोन लेना मुश्किल हो सकता है।

सोशल मीडिया के दिखावे का दबाव

आज के युवाओं में खासकर Gen Z और मिलेनियल्स में शादी को ग्रैंड बनाने का ट्रेंड बढ़ गया है। इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया पर खूबसूरत फोटोज डालने के दबाव में कई लोग लोन लेकर शादी करते हैं। लेकिन बाद में वही लोन तनाव और झगड़ों की वजह बन सकता है।

एक अच्छी और यादगार शादी के लिए लोन लेना जरूरी नहीं। अगर पहले से प्लानिंग करें, तो बिना कर्ज के भी शानदार शादी हो सकती है। इसके लिए कुछ स्मार्ट ऑप्शन अपनाए जा सकते हैं जैसे कि-

  • बजट बनाकर चलें और अनावश्यक खर्चों से बचें।
     
  • शादी के लिए पहले से SIP या सेविंग अकाउंट शुरू करें।
     
  • गेस्ट लिस्ट छोटी रखें और सादगी से शादी करें।
     
  • DIY डेकोरेशन और इनविटेशन कार्ड अपनाएं।
     
  • शादी के खर्च में फैमिली से मदद लें या कुछ खर्चे खुद उठाएं।
     
  • क्राउडफंडिंग या कैश गिफ्ट रजिस्ट्रेशन जैसे ऑप्शन भी आजकल पॉपुलर हैं।
     

सिद्धार्थ मौर्य कहते हैं कि शादी एक दिन की होती है लेकिन उसका असर पूरी जिंदगी पर होता है। अगर शुरुआत में ही लोन का बोझ आ गया, तो आगे की जिंदगी मुश्किल हो सकती है। वहीं मनीष जसोरिया का कहना है कि दिखावे के चक्कर में फंसने से बेहतर है कि कपल मिलकर सही फाइनेंशियल फैसले लें।

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