₹30,000 की सैलरी में ₹20,000 रेंट चला जाता है - किराए में ही खत्म हो रही है आधी तनख्वाह - Details

भारत के बड़े शहरों में रहने का सपना अब लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर एनालिस्ट सुजय यू की एक पोस्ट ने इस गंभीर मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है।

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By Gaurav Kumar:

भारत के बड़े शहरों में रहने का सपना अब लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर एनालिस्ट सुजय यू की एक पोस्ट ने इस गंभीर मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है। पोस्ट में बताया गया है कि किस तरह महानगरों में आमदनी और रहने के खर्चों के बीच भारी असंतुलन बढ़ता जा रहा है।

सुजय यू ने बताया कि मुंबई में एक साधारण 1BHK फ्लैट का मंथली किराया लगभग ₹25,000 है, जो कि वहां की औसत मंथली इनकम के बराबर है। बेंगलुरु में आमदनी ₹28,400 है, जबकि किराया ₹20,000 के करीब। दिल्ली, हैदराबाद और अहमदाबाद में स्थिति थोड़ी बेहतर है, लेकिन इन शहरों में भी किराया आमदनी का 50% या उससे ज्यादा निगल जाता है।

सुजय ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा की ₹30,000 की सैलरी में आधा पैसा किराये में चला जाता है। ऊपर से राशन, बिजली, ट्रांसपोर्ट… इंसान सिर्फ जिंदा रहता है, जी नहीं पाता।

पोस्ट में यह भी बताया गया कि कैसे रियल एस्टेट निवेशकों ने घरों को निवेश का जरिया बना दिया है। एनालिस्ट सुजय यू ने बताया कि महानगरों में पलायन की रफ्तार, इन्फ्रास्ट्रक्चर और वेतन वृद्धि से कहीं तेज है। कई क्षेत्रों में तो सालों से सैलरी में कोई खास बदलाव नहीं आया है।

पोस्ट के अंत में सुजय ने सवाल उठाया कि अगर आपकी सैलरी का 60-70% सिर्फ किराए में चला जाता है, तो क्या ये 'अर्बन ड्रीम' वाकई में कोई सपना है? शायद अब हमें सफलता को दोबारा परिभाषित करना होगा- पिन कोड से नहीं, आज़ादी से।

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