NPS Calculator: इतनी इन्वेस्टमेंट के बाद मिलेगा 1 लाख रुपये का पेंशन, यहा समझें पूरा कैलकुलेशन
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) रिटायरमेंट की पॉपुलर स्कीम है। इस स्कीम में निवेश करके आप मोटा फंड जमा कर सकते हैं और रिटायरमेंट के बाद आपको मासिक पेंशन का लाभ मिलेगा। हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि 1 लाख रुपये के मासिक पेंशन के लिए आपको कितना निवेश करना होगा।

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) रिटायरमेंट के लिए काफी अच्छा ऑप्शन है। यह योजना विशेष रूप से लंबे समय तक निवेश करने वाले लोगों के लिए सही है। इस स्कीम में चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है यानी निवेशक को शानदार रिटर्न मिलता है। अगर कोई व्यक्ति 20 साल की उम्र में NPS में निवेश करना शुरू करता है, तो वह 60 साल की उम्र में 1 लाख रुपये तक की मासिक पेंशन का लाभ उठा सकता है। हम आपको नीचे पूरी बात समझाते हैं।
NPS कैसे काम करता है?
NPS का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें रिटायरमेंट के बाद आपको पेंशन के साथ-साथ एकमुश्त राशि भी मिलती है। इस योजना के तहत, आप अपनी जमा पूंजी का 60% हिस्सा एकमुश्त निकाल सकते हैं, जबकि शेष 40% राशि को वार्षिकी योजना में निवेश किया जाता है, जिससे आपको नियमित पेंशन प्राप्त होती है।
कैसे मिलेगी 1 लाख रुपये की पेंशन?
जब व्यक्ति 60 साल की उम्र में रिटायर होता है, तो उसकी जमा राशि दो हिस्सों में बांटी जाती है। निवेशक को एनपीएस फंड का 60 फीसदी हिस्सा एकमुश्त मिलता है और बाकी 40 फीसदी हिस्सा पेंशन के तौर पर मिलता है।
मान लीजिए कि एक व्यक्ति 20 साल की उम्र में हर महीने 7,850 रुपये का निवेश करना शुरू करता है और वह 40 साल तक निवेश करता है। इस अवधि में उसकी कुल निवेश राशि 37.68 लाख रुपये होगी, इस राशि पर ब्याज मिलाकर कुल फंड 4.63 करोड़ रुपये का तैयार होगा। रिटायरमेंट के बाद फंड का 60 फीसदी हिस्सा एकमुश्त मिल जाएगा और बाकी 40 फीसदी हिस्सा पेंशन के तौर पर मिलेगा। कैलकुलेशन के मुताबिक निवेशक को करीब 1 लाख रुपये का पेंशन मिलेगा।
NPS के फायदे
- 20 साल की उम्र से निवेश शुरू करने पर चक्रवृद्धि ब्याज का पूरा लाभ मिलता है, जिससे फंड तेजी से बढ़ता है।
- समय के साथ मंथली निवेश राशि को बढ़ाया जा सकता है, जो भविष्य में पेंशन को और भी अधिक बना सकता है।
- NPS में निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80C और 80CCD(1B) के तहत कर छूट मिलती है।
- यह योजना रिटायरमेंट के बाद नियमित आय का भरोसा देती है, जिससे भविष्य में वित्तीय सुरक्षा मिलती है।