फेस्टिव सीजन में कहीं आप भी तो नहीं करते पैसों से जुड़ी ये 5 गलतियां? फटाफट कर लें चेक

कई बार लोग अपनी पैसों की समझदारी खो बैठते हैं, जिसका नतीजा त्योहारों के बाद आर्थिक तनाव के रूप में सामने आता है। आज हम आपको त्योहारों में होने वाली 5 सबसे बड़ी मनी मिस्टेक्स के बारे में बताएंगे।

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By Gaurav Kumar:

आज नवरात्री का पहला दिन है और आज से ही फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो रही है। इस त्योहारों भरे मौसम में लोग नए कपड़े, गैजेट्स, इलेक्ट्रोनिक्स आइटम इत्यादि खरीदते हैं। 

लेकिन इसी उत्साह में कई बार लोग अपनी पैसों की समझदारी खो बैठते हैं, जिसका नतीजा त्योहारों के बाद आर्थिक तनाव के रूप में सामने आता है। आज हम आपको त्योहारों में होने वाली 5 सबसे बड़ी मनी मिस्टेक्स के बारे में बताएंगे।

1. बजट के बिना खर्च करना

त्योहार आते ही लोग सोच-समझे बिना खर्च करना शुरू कर देते हैं। महंगे कपड़े, गैजेट्स और गिफ्ट्स खरीदने में वे यह भूल जाते हैं कि जेब से कितना पैसा निकल रहा है। नतीजा यह होता है कि उनका बैंक अकाउंट खाली हो जाता है और क्रेडिट कार्ड का बिल भी बढ़ जाता है। इसलिए फेस्टिव सीजन में शॉपिंग करने से पहले बजट बनाएं और उसी पर टिके रहें।

2. क्रेडिट कार्ड पर जरूरत से ज्यादा निर्भर होना

फेस्टिवल सीजन में क्रेडिट कार्ड पर भारी और बंपर ऑफर्स निकलते हैं। लोग सोचते हैं अभी स्वाइप कर लेंगे, बाद में भर देंगे। लेकिन बाद में ब्याज और भारी EMI बोझ बन जाते हैं। कोशिश करें कि जरूरी खरीदारी कैश या डेबिट कार्ड से करें।

3. ऑफर्स और डिस्काउंट्स के झांसे में आना

त्योहारों पर सेल और डिस्काउंट्स की भरमार होती है। “बड़ी बचत” और “लिमिटेड टाइम ऑफर” के लालच में लोग वो चीजें खरीद लेते हैं जिनकी उन्हें जरूरत ही नहीं होती। खरीदने से पहले खुद से पूछें कि क्या मुझे सच में इसकी जरूरत है?

4. भविष्य के खर्च भूल जाना

त्योहार खत्म होने के बाद भी जिंदगी चलती रहती है- स्कूल फीस, बिजली-पानी के बिल, किराया। अगर आप सारा पैसा त्योहारों में उड़ा देंगे तो अगले महीनों का मैनेज करना मुश्किल हो जाएगा। कुछ रकम रोजमर्रा के खर्चों के लिए जरूर बचाकर रखें।

5. निवेश और फाइनेंशियल गोल्स को टालना

त्योहारों के दौरान लोग अक्सर SIP रोक देते हैं या लंबी अवधि के लक्ष्यों (जैसे घर खरीदना या बच्चों की पढ़ाई) के लिए बचत टाल देते हैं। इससे फाइनेंशियल ग्रोथ प्रभावित होती है। त्योहार मनाना जरूरी है, लेकिन अपने वित्तीय भविष्य को नजरअंदाज न करें।
 

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