सैलरी बढ़ी पर सेविंग्स घटी, जानिए लाइफस्टाइल इंफ्लेशन कैसे कर रहा नुकसान

Lifestyle Inflation: आज के समय में अक्सर सैलरी से ज्यादा खर्चें सामने खड़े होते हैं। लोग इसकी वजह बढ़ती महंगाई या फिर कम सैलरी मानते हैं। जबकि, ऐसा बिल्कुल नहीं है।

Advertisement
Lifestyle inflation
Lifestyle inflation

By Priyanka Kumari:

शहरों में काम करने वाले कई प्रोफेशनल्स आज पहले से ज्यादा कमाते हैं, लेकिन फिर भी महीने के अंत में पैसे की तंगी महसूस करते हैं। ईएमआई, क्रेडिट कार्ड बिल और घटती सेविंग ये सब एक आम कहानी बन गई है।

अगर आप भी सोच रहे हैं कि इसके पीछे की वजह सिर्फ बढ़ती महंगाई या रुकी हुई सैलरी है तो ऐसा बिल्कुल नहीं है।इसकी वजह धीरे-धीरे बढ़ता खर्च है, जिसे फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स "लाइफस्टाइल इंफ्लेशन" (Lifestyle Inflation) कहते हैं।

क्या है लाइफस्टाइल इंफ्लेशन? (What is Lifestyle Inflation?)

जब इनकम बढ़ती है तो लोग अपने खर्च भी उसी हिसाब से बढ़ा लेते हैं।  अक्सर देखा गया है कि इनकम बढ़ने के बाद लोग नया फोन, बड़ा घर, महंगी कार खरीद लेते हैं। ऐसे में धीरे-धीरे ये खर्च कमाई से आगे निकल जाता हैं।

SEBI रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर और SahajMoney के फाउंडर अभिषेक कुमार कहते हैं कि अच्छी सैलरी पाने वालों के पास भी सेविंग के लिए कुछ खास नहीं बचता, क्योंकि उनकी जरूरतें नहीं, बल्कि आदतें बढ़ती हैं। लोगों के शौक के कारण उनकी सेविंग घट जाती है और एक्सपेंस बढ़ता रहता है। 

सैलरी बढ़ी, तो EMI भी बढ़ गई

हर प्रमोशन या नौकरी बदलने के बाद लोग अक्सर बड़ी EMI वाले खर्चों में फंस जाते हैं। लेकिन जब इनकम में बढ़ोतरी कम होती है, तो ये खर्च बोझ बन जाते हैं। अभिषेक कुमार इसे “नया मिडल क्लास ट्रैप” कहते हैं। 

BNPL यानी BUY NOW PAY LATER, नो-कॉस्ट EMI और आसान क्रेडिट कार्ड स्कीम्स से खर्च करना आसान हो जाता है, लेकिन इससे धीरे-धीरे कर्ज भी बढ़ता जाता है। लोग बढ़ते कर्ज के प्रति कभी सचेत नहीं होते हैं।

कर्ज में होने के ये हैं संकेत (Sign of Debt)

अगर आपकी सैलरी हर महीने खत्म हो जाती है तो समझ जाएं कि आप कर्ज के दलदल में फंस रहे हैं। इसके अलावा कई बार किराना या बिल भरने के लिए भी क्रेडिट पर निर्भर रहना पड़ता है, यह भी एक तरह का संकेत ही है। वहीं,  कई लोगों अपने सेविंग्स से केवल रोजमर्रा के खर्च निकाल पाते हैं। ऐसे में उन्हें बड़े खर्चों के लिए हमेशा कर्ज लेना पड़ता है। इसके अलावा क्रेडिट स्कोर गिरना या लोन डिफॉल्ट होना साफतौर पर संकेत देता है कि आप कर्जे में हैं। 

सबसे बड़ी वजह सोशल मीडिया ट्रेंड (Social Media Trend)

सोशल मीडिया Instagram और रील्स देखकर अधिकतर लोगों को लगता है कि सब लोग विदेश जा रहे हैं, बड़ी चीजें खरीद रहे हैं। ये दिखावा दूसरों से मुकाबला करने की भावना को बढ़ाता है। लोग सोशल मीडिया के ट्रेंड को फॉलो करते हैं और इसका असर सीधा जेब पर पड़ता है। 

लाइफस्टाइल इंफ्लेशन का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि लोग इन्वेस्ट करना छोड़ देते हैं। अभिषेक कुमार कहते हैं कि अगर 20s या 30s में आपने कंपाउंडिंग का फायदा नहीं लिया, तो आगे चलकर आपकी फाइनेंशियल फ्रीडम खतरे में पड़ सकती है।

सेविंग के लिए क्या करें? (How to Save Money?)

हम आपको नीचे कुछ तरीके बताएंगे जिसके जरिये आप आसानी से सेविंग कर सकते हैं। 

(1) सेविंग के लिए 50-30-20 नियम अपनाएं। इसमें आपको अपनी सैलरी का 50% हिस्सा जरूरी खर्च के लिए रखना है। वहीं, बाकी के 50% में से 30% शौक और 20% सेविंग्स के तौर पर रखना चाहिए। 

(2) कभी भी कोई शौक के लिए महंगी चीज न खरीदें। अगर आपको कोई जरूरी चीजें हैं तभी EMI पर सामान लें। 

(3) हमेशा इन्वेस्टमेंट हैबिट को अपनाएं। ऐसा करने से आप अपने फ्यूचर गोल को आसानी से पूरा कर पाएंगे। 

(4) अगर आपको तीन-चीर महंगे सामान को खरीदना है तो हर खरीद के बीच में टाइम ब्रेक लें। कभी-भी एकसाथ महंगी चीजें न खरीदें।

Read more!
Advertisement