होम लोन के वो 6 हैक्स जिससे आप बचा सकते हैं लाखों रुपये, बैंक कभी नहीं बताएगा

हाल ही में Tax Buddy के संस्थापक, वित्त विशेषज्ञ सुजित बंगार ने X पर एक वायरल थ्रेड में होम लोन का वो 6 हैक बताया है जो बैंक का रिलेशनशिप मैनेजर कभी नहीं बताता। चलिए जानते हैं वो कौन-कौन से टिप्स हैं।

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By Gaurav Kumar:

Home Loan: घर खरीदना किसी भी भारतीय की जिंदगी का सबसे बड़ा और लंबा वित्तीय फैसला होता है। लेकिन अक्सर लोग सिर्फ ब्याज दर और EMI की तुलना में फंस जाते हैं और बैंक की छोटी-छोटी शर्तों या छिपे हुए खर्चों को नजरअंदाज कर देते हैं।

हाल ही में Tax Buddy के संस्थापक, वित्त विशेषज्ञ सुजित बंगार ने X पर एक वायरल थ्रेड में होम लोन का वो 6 हैक बताया है जो बैंक का रिलेशनशिप मैनेजर कभी नहीं बताता। चलिए जानते हैं वो कौन-कौन से टिप्स हैं। 

1. पूरी लागत का हिसाब मांगें

अक्सर बैंक सिर्फ कम ब्याज दर का विज्ञापन करते हैं, लेकिन प्रोसेसिंग, लीगल, वेल्यूएशन और डॉक्यूमेंटेशन फीस जैसी अन्य चार्जेज बाद में जोड़ देते हैं। RBI के नियम के मुताबिक, बैंक से लिखित में पूरी लागत का ब्रेकअप मांगना आपका अधिकार है। इससे आप लाखों रुपए बचा सकते हैं।

2. ‘जबरन’ बीमा में न फंसें

कई रिलेशनशिप मैनेजर बताते हैं कि लोन के लिए 4% का इंश्योरेंस लेना जरूरी है लेकिन ऐसा नहीं है। आप अपनी पसंद का इंश्योरेंस ले सकते हैं या पूरी तरह बच सकते हैं। ज्यादातर लोग पहले ही 80C के तहत टैक्स लाभ ले चुके होते हैं, इसलिए बैंक का बंडल बीमा अक्सर बेकार साबित होता है।

3. दो-तीन बैंकों में एक साथ आवेदन करें

कई बार बैंक अचानक नई शर्तें लगा देते हैं। अगर आपने पहले से दूसरे बैंक में भी आवेदन कर रखा है, तो आप इन शर्तों से दबाव में आए बिना बदलाव कर सकते हैं।

4. दोहरे टैक्स लाभ का फायदा उठाएं

अगर लोन आप और आपके पति/पत्नी या माता-पिता के नाम से लिया जाए, तो दोनों को टैक्स में लाभ मिलता है। हर को-आवेदक 80C में 1.5 लाख और Section 24 में 2 लाख तक का फायदा उठा सकता है। कुल मिलाकर सालाना 7 लाख तक की बचत संभव है।

5. घर महिला के नाम कराएं

कई राज्यों में महिलाओं के नाम पर घर खरीदने पर स्टांप ड्यूटी कम मिलती है। उदाहरण के लिए, 1 करोड़ के घर पर 2 लाख रुपये तक बचत हो सकती है। बस ध्यान रखें कि सभी कानूनी और उत्तराधिकार दस्तावेज सही हों।

6. RERA पोर्टल और OC की जांच करें

घर लेने से पहले प्रोजेक्ट को अपने राज्य के RERA पोर्टल पर चेक करें कि कोई लंबित केस या प्रमोटर की देरी तो नहीं। और OC (Occupancy Certificate) बिना घर का कब्जा न लें। बिना OC घर कानूनी तौर पर रहने लायक नहीं माना जाता।

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