SIP निवेशकों के लिए बड़ा झटका, फरवरी में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा स्टोपेज रेश्यो

SIP Stoppage Ratio: स्टॉक मार्केट में हो रही बिकवाली की वजह से कई निवेशक एसआईपी बंद कर रहे हैं। हाल ही में, आई रिपोर्ट के अनुसार फरवरी 2025 में सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) बंद करने के रेश्यो अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 122 फीसदी पर पहुंच गई। ऐसे में सवाल आता है कि क्या निवेशक को एसआईपी बंद करना चाहिए।

Advertisement
SIPs offer a structured approach to investing, allowing individual investors to systematically engage in the market.
SIPs offer a structured approach to investing, allowing individual investors to systematically engage in the market.

फरवरी 2025 में सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) बंद करने के रेश्यो अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 122 फीसदी पर पहुंच गई। यह शो करता है कि जितनी नई SIP शुरू हो रही हैं, उससे कहीं ज्यादा निवेशकों ने अपनी मौजूदा SIP को बंद कर दिया है। इस ट्रेंड ने म्यूचुअल फंड निवेशकों और मार्केट एक्सपर्ट को चौंका दिया है।

SIP बंद होने की दर क्यों बढ़ रही है?

SIP बंद होने के कई कारण है। इनमें से मुख्य कारण हैं-

बाजार में उतार-चढ़ाव (Market Volatility): पिछले कुछ महीनों में भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई है। निफ्टी और सेंसेक्स में लगभग 10-11% की गिरावट से निवेशकों का आत्मविश्वास डगमगा गया है।

निवेशकों में डर और घबराहट: कम रिटर्न और नुकसान देखकर कई निवेशक घबरा गए और उन्होंने SIP को बीच में ही बंद कर दिया।

म्यूचुअल फंड्स में बदलाव: निवेशक खासतौर पर स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स से पैसा निकालकर बड़े और स्टेबल फंड्स में शिफ्ट हो रहे हैं।

गाइडेंस की कमी: कई निवेशक फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद नहीं लेते और जब बाजार गिरता है तो डरकर अपनी SIP बंद कर देते हैं।

क्या निवेशक पूरी तरह म्यूचुअल फंड्स से बाहर हो रहे हैं?

नहीं, SIP बंद करने वालों की संख्या भले ही बढ़ी हो, लेकिन फरवरी में SIP के जरिए कुल निवेश ₹26,000 करोड़ के आसपास बना रहा। इसका मतलब है कि निवेशक पूरी तरह से बाजार से बाहर नहीं हो रहे, बल्कि वे अपनी इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी में बदलाव कर रहे हैं।

SIP निवेशकों को क्या करना चाहिए?

बाजार में गिरावट के दौरान भी SIP जारी रखना फायदेमंद होता है, क्योंकि जब बाजार ऊपर जाएगा तो निवेशकों को ज्यादा रिटर्न मिलेगा। म्यूचुअल फंड निवेश 5-10 साल के लिए किया जाता है। अगर आपका गोल लॉन्ग टेन्योर का है, तो 2025 की गिरावट से डरने की जरूरत नहीं है। निवेशक को केवल स्मॉलकैप या मिडकैप में निवेश करने की बजाय लार्जकैप और फ्लेक्सीकैप फंड्स को भी अपने पोर्टफोलियो में शामिल करें यानी Diversified Investment Portfolio बनाएं।

अगर आप खुद निवेश कर रहे हैं और बाजार को अच्छे से नहीं समझते, तो किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है। 

Read more!
Advertisement