क्यों हुए पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के 36 लोग गिरफ्तार?
पाकिस्तान में रह रहे जमात-ए-अहमदीया समुदाय के लोगों का कहना है कि उन्हें उनके घरों में अनुष्ठान करने से रोका गया है।

By प्रतिष्ठा अग्निहोत्री (Pratishtha Agnihotri) :
पाकिस्तान में रह रहे जमात-ए-अहमदीया समुदाय के लोगों का कहना है कि उन्हें उनके घरों में अनुष्ठान करने से रोका गया है। पाकिस्तान में रह रहा अहमदिया समुदाय एक अल्पसंख्यक समुदाय है जिसे देश ने ग़ैर-मुसलमान घोषित कर दिया है। अहमदिया समाज की संस्था जमात-ए-अहमदिया का प्रतिनिधित्व करने वाले एक नेता ने जानकारी दी है कि अहमदिया समाज के क़रीब 36 लोगों को ईद-उल-अजहा पर जानवरों की क़ुर्बानी देने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया था साथ ही घरों में अनुष्ठान करने पर रोका गया था।
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अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय के क़रीब 36 सदस्यों को गिरफ्तार
जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान के आमिर महमूद ने PTI को बताया कि देश में ईद-उल-अजहा के मौक़े पर कुर्बानी के लिए पशु रखने के आरोप में अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय के क़रीब 36 सदस्यों को गिरफ्तार किया जिसमें से अधिकतर पंजाब से हैं।अहमदियों को चार दीवारों के भीतर अपने धार्मिक अनुष्ठान करने से रोका जो उनके मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। ये पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का भी साफ़ रूप से उल्लंघन है।” उनका मानना है कि कट्टर इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान सिर्फ़ अहमदिया समुदाय के ख़िलाफ़ नफरत फैला रही है और साथ ही पुलिस पर भी दबाव डाल रही है कि वो अहमदिया समाज के सदस्यों को उनके धार्मिक अनुष्ठान करने से रोकें। अहमदिया लोगों को पूरे देश में ख़ासकर पंजाब में न केवल चरमपंथियों द्वारा, बल्कि कानूनी एजेंसियों द्वारा भी परेशान किया जा रहा है। पुलिस ने अहमदिया लोगों को हिरासत में लिया साथ ही उनके बलि के जानवरों को भी हिरासत में लिया।
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ईद के मौक़े पर अहमदिया समाज के ख़िलाफ़ खतरे की चेतावनी
आमिर महमूद का कहना है कि कुछ जगहों पर अहमदिया लोगों पर 17 जून को ईद की नमाज अदा न करने का दबाव डाला गया था और अहमदियों को इस हिंसा से बचाने की जगह पुलिस अफ़सरों ने अलग-अलग थानों में अहमदिया समाज के नेताओं के बुलाकर धमकाया कि अगर कोई अहमदिया 'कुर्बानी' करते या ईद की नमाज अदा करते पाया गया, तो उन्हें तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान से खतरा है इसके साथ ही पता चला कि खुफिया एजेंसी ने भी ईद के मौक़े पर अहमदिया समाज के ख़िलाफ़ खतरे की चेतावनी भी जारी की थी।
1974 में जमात-ए-अहमदिया को ग़ैर मुसलमान घोषित
बता दें कि पाकिस्तान की संसद ने 1974 में जमात-ए-अहमदिया को ग़ैर मुसलमान घोषित कर दिया था जिसके चलते अब उन्हें पाकिस्तान में तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है साथ ही उन्हें उनके धर्म से जुड़ी रस्मों को भी करने पर मनाई है। उनसे मुसलमान होने के सारे हक़ छींघ लिए गए जिसके चलते ना वो पशु पालन कर सकते हैं ना मस्जिद के गुंबद को बना सकते हैं और ना ही क़ुरान का सार्वजनिक पाठ कर उसे लिख भी नहीं सकते हैं।