Yamuna Expressway पर बढ़ी गाड़ियों की रफ्तार, स्पीड लिमिट में किया गया इजाफा

यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे पर कोहरे और ठंड की वजह स्पीड लिमिट घटा दी गई थी। अब मौसम ठीक हो गया है। अब स्पीड लिमिट पहले की तरह सामान्य कर दी गई है।

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Yamuna Expressway पर चलने वालों के लिए खुशखबरी है
Yamuna Expressway पर चलने वालों के लिए खुशखबरी है

By BT बाज़ार डेस्क:

Yamuna Expressway पर चलने वालों के लिए खुशखबरी है। बता दें कि यमुना एक्सप्रेस वे पर गाड़ियों की स्पीड लिमिट फिर बढ़ा दी गई है। दरअसल, फॉग के चलते अथॉरिटी ने यमुना एक्सप्रेसवे पर स्पीड लिमिट को कम कर दिया था, जिसे आज यानी 15 फरवरी से दोबारा बढ़ा दिया गया है। इस वजह से यमुना एक्सप्रेसवे पर गाड़ियां फिर से तेज रफ्तार में दौड़ पा रही हैं। अगर आप भी यमुना एक्सप्रेस वे पर सफर करते हैं तो यह पूरी खबर जरूर पढ़ लें। 

कितनी कम की गई थी स्पीड?

बढ़ती ठंड और कोहरे की वजह से यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसों में बढ़ोतरी देखी गई थी। ऐसे में हादसों में कमी लाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर स्पीड लिमिट को कम कर दिया गया था। बीते 15 दिसंबर से स्पीड लिमिट को कम कर दी गई थी। अमूमन आम दिनों में यमुना एक्सप्रेसवे पर स्पीड लिमिट 120 किलोमीटर प्रति घंटे रहती है। उसे 15 दिसंबर से छोटे चार पहिया वाहनों के लिए स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा से घटाकर 80 किलोमीटर प्रति घंटा और बड़े वाहनों के लिए 100 किलोमीटर प्रति घंटा से घटाकर 60 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया गया था। 

क्यों लगाई गई थी स्पीड लिमिट?

ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 185 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे पर हर साल जैसे ही ठंड और कोहरा शुरू होता है वैसे ही स्पीड लिमिट लगा दी जाती है, जिससे एक्सीडेंट्स को कम किया जा सके। हालांकि, अब मौसम खुलने लगा है और कोहरे से राहत मिलनी शुरू हो चुकी है तो 15 फरवरी से वाहनों की स्पीड पर लगी लिमिट को दोबारा बढ़ा दिया गया है। यानी अब एक्सप्रेस वे पर गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। 

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एक्सप्रेस वे पर तेजी से दौड़ेंगी गाड़ियां

यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे पर कोहरे और ठंड की वजह स्पीड लिमिट घटा दी गई थी। अब मौसम ठीक हो गया है। अब स्पीड लिमिट पहले की तरह सामान्य कर दी गई है। स्पीड कम करने से गाड़ियों के एक-दूसरे से टकराने में काफी कमी आई थी। जान-माल का नुकसान भी बहुत कम हुआ था।

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