खालिस्तानी समर्थकों को विदेश मंत्री जयशंकर की खरी-खरी

विदेश मंत्री ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर छिड़ी बहस पर अपना रुख रखते हुए कहा कि दूतावासों पर स्मोक बम फेंकना अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग है. वे खालिस्तानी चरमपंथियों का समर्थन करने के लिए लगातार अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतंत्र की दुहाई देते हैं. लेकिन राजनयिकों को डराना-धमकाना, दूतावासों पर स्मोक बम फेंकना, मित्र देश के खिलाफ हिंसा और चरमपंथ को बढ़ावा देना अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है. मेरे लिए ये अभिव्यक्ति की आजादी नहीं बल्कि इसका दुरुपयोग है.

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By Ankur Tyagi:

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खालिस्तानी चरमपंथियों को लेकर एक बार फिर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि विदेशी धरती पर खालिस्तानी चरमपंथियों को पनाह देना या अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर उनका समर्थन करना सही नहीं है।

जयशंकर ने कहा कि किसी भी देश के लिए मात्र अपनी प्रतिष्ठा के लिए इस तरह के संदेश देना सही नहीं है। ये अभिव्यक्ति की आजादी नहीं बल्कि उसका दुरुपयोग है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारतीय दूतावासों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एक निजी चैनल के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कनाडा की मौजूदा स्थिति पर कहा कि हमें कनाडा के लिए वीजा सर्विस को सस्पेंड करना पड़ा क्योंकि हमारे राजनयिक वहां जाकर काम करने को लेकर सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे थे। उन्हें लगातार धमकियां दी जा रही थीं और उस समय कनाडाई सरकार से भी उन्हें खास मदद नहीं मिली. लेकिन अब स्थिति में पहले की तुलना में सुधार हुआ है.

जयशंकर ने कहा कि हम अब ऐसे स्तर पर पहुंच गए हैं, जहां मंत्री के तौर पर मैं अपने राजनयिक को किसी तरह के खतरे में नहीं डाल सकता. लेकिन अब स्थिति में सुधार है तो हमने वीजा सर्विस को सामान्य कर दिया है।

'अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग हो रहा'

विदेश मंत्री ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर छिड़ी बहस पर अपना रुख रखते हुए कहा कि दूतावासों पर स्मोक बम फेंकना अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग है. वे खालिस्तानी चरमपंथियों का समर्थन करने के लिए लगातार अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतंत्र की दुहाई देते हैं. लेकिन राजनयिकों को डराना-धमकाना, दूतावासों पर स्मोक बम फेंकना, मित्र देश के खिलाफ हिंसा और चरमपंथ को बढ़ावा देना अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है. मेरे लिए ये अभिव्यक्ति की आजादी नहीं बल्कि इसका दुरुपयोग है. 

उन्होंने ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ की घटना को लेकर कहा कि वहां भारतीय उच्चायोग को वैसी कोई सुरक्षा नहीं मिली, जिसकी हमें उम्मीद थी. हमारे उच्चायोग की इमारत पर चढ़कर भारतीय झंडे को उतारना किस नजरिए से सही था? मैंने अपने समकक्ष से कहा था कि आपकी प्रतिक्रिया क्या होगी, जब भीड़ दुनिया के किसी भी मुल्क में आपके उच्चायोग पर हमला कर ऐसा करेगी? तब आप अभिव्यक्ति की आजादी की दुहाई नहीं देंगे. लेकिन अब ब्रिटेन के साथ भी स्थिति में सुधार हुआ है.

जयशंकर ने सख्त लहजे में कहा कि अगर कोई देश किसी उच्चायोग या दूतावास पर हुए हमला करने वाले के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है तो उसमें कोई संदेश छिपा है. 

पिछले साल जून में खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद खालिस्तानियों ने कई देशों के भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाया था. कनाडा और अमेरिका सहित कई देशों में खालिस्तानियों का उभार देखने को मिला है. ऐसे में भारत ने इन देशों से मांग की है कि वे ऐसे खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, जो भारतीय दूतावासों पर हमले कर रहे हैं. 
 

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