RBI की पंचायती राज फाइनेंस रिपोर्ट हुई जारी, बंगाल में एक पंचायत पर खर्च 25 लाख

सभी पंचायतों में बीते सालों के दौरान पीने के साफ पानी की आपूर्ति व स्वच्छता पर प्राथमिकता से खर्च किया जा रहा है।

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RBI की पंचायती राज फाइनेंस रिपोर्ट हुई जारी
RBI की पंचायती राज फाइनेंस रिपोर्ट हुई जारी

By BT बाज़ार डेस्क:

बंगाल एक पंचायत पर 25.14 लाख रु. खर्च कर रहा है। जबकि गुजरात में महज 3.34 लाख रु. खर्च हो रहे। वहीं, मध्य प्रदेश ने वर्ष 2022-23 के दौरान 3.92 लाख रु.खर्च किए। RBI की ‘पंचायती राज संस्थाओं के वित्त’ रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। बंगाल की पंचायतें बिहार से 40 गुना ज्यादा खर्च करती हैं। बिहार में औसतन 63 हजार रुपए प्रति पंचायत खर्च हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, देश की कुल 2 लाख 55 हजार 623 ग्राम पंचायतों को 95% से ज्यादा राजस्व केंद्र और राज्य सरकारों से अनुदान के रूप में मिलता है। देश की पंचायतें अपने राजस्व का महज 1.1% ही स्थानीय कर व अन्य शुल्क के जरिए जुटा पाती हैं। इसके अलावा, करीब 3.3% ब्याज से कमाई व गैर-कर राजस्व के जरिए मिलता है। 

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दक्षिण के राज्य खुद की कमाई में हैं आगे

मप्र और राजस्थान की पंचायतें खर्च के लिए पूरी तरह से केंद्र और राज्य सरकारों से मिलने वाले धन पर निर्भर हैं। वहीं, आंध्र प्रदेश की पंचायतें टैक्स व ब्याज के बल पर 92% खर्च करती हैं। उन्हें केवल 8% धन ही केंद्र और राज्य से लेना पड़ा। महाराष्ट्र की पंचायत 26% खर्च खुद के टैक्स और ब्याज से अर्जित कर रहीं हैं।

पेयजल व स्वच्छता प्राथमिकता

सभी पंचायतों में बीते सालों के दौरान पीने के साफ पानी की आपूर्ति व स्वच्छता पर प्राथमिकता से खर्च किया जा रहा है। पंचायती राज कार्यक्रमों के जरिए 46% खर्च हुए हैं। परिवहन सुविधाओं पर 45% खर्च किया गया।

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