ख़ाली प्रॉपर्टी रखना भी होना चाहिए एक अपराध: जी हरी बाबू
भारत में हाल ही में क़रीब एक करोड़ से अधिक घर ख़ाली पड़े हैं। लोगों ने घर में, ज़मीन में पैसे लगा कर इन्वेस्टमेंट तो कर लिया है मगर उन घरों में रहने के लिए कोई है ही नहीं। वहीं समाज का एक तबका ऐसा भी है जो बेघर है, जिसके पास रहने को छत तक नहीं है। बिल्डर्स भी सिर्फ़ अमीरों को ध्यान में रख कर ऐसे घरों का निर्माण कर रहे हैं जो मध्य और निचले वर्ग की हैसियत से ही बाहर हैं

By प्रतिष्ठा अग्निहोत्री (Pratishtha Agnihotri) :
भारत में हाल ही में क़रीब एक करोड़ से अधिक घर ख़ाली पड़े हैं। लोगों ने घर में, ज़मीन में पैसे लगा कर इन्वेस्टमेंट तो कर लिया है मगर उन घरों में रहने के लिए कोई है ही नहीं। वहीं समाज का एक तबका ऐसा भी है जो बेघर है, जिसके पास रहने को छत तक नहीं है। बिल्डर्स भी सिर्फ़ अमीरों को ध्यान में रख कर ऐसे घरों का निर्माण कर रहे हैं जो मध्य और निचले वर्ग की हैसियत से ही बाहर हैं।
रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल
रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के अध्यक्ष जी हरी बाबू ने सरकार से माँग की है कि बिल्डर्स पर दबाव बनाने की जरूरत है क्योंकि 2019 से महँगे घर जिनकी क़ीमत 2 करोड़ से अधिक है ऐसे घरों की डिमांड में बढ़त हुई है जिस कारण बिल्डर्स अब सिर्फ़ महँगे घर बनाने में लगे हैं जिस कारण मध्य और निचले वर्ग के लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हरी बाबू ने कहा कि देश को सस्ते घरों की आवश्यकता है। रियल एस्टेट का भी विकास अब तभी हो सकता है।
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अध्यक्ष जी हरी बाबू
अध्यक्ष जी हरी बाबू का मानना है कि बिल्डर जनसंख्या के हिसाब से 14 करोड़ लोगों को ही टारगेट कर रहे हैं जिस कारण सवा करोड़ से भी ज़्यादा घर की बिक्री रुकी हुई है। बताया है कि कुछ लोगों ने निवेश के तौर पर घर ख़रीद तो लिए हैं मगर ना उस घर में रहते हैं और ना ही किराए पर देते हैं। ख़ाली घर और बिना इस्तेमाल किए गए ज़मीन को रखना एक अपराध माना जाना चाहिए क्योंकि इस तरह से जिसे असल में इसकी ज़रूरत होती है वो दर-दर भटकता है। बाबू ने सरकार से निवेदन किया है कि ऐसे ख़ाली घरों पर अधिक से अधिक टैक्स लगाना चाहिए और सरकार को बिल्डर्स पर दबाव डालना चाहिए कि वो सस्ते घरों का निर्माण करें क्योंकि देश में क़रीब 60% लोग ऐसे हैं जो सरकार की नीतिओं पर निर्भर होते हैं और ख़ुदसे ये घर ख़रीदने में सक्षम भी नहीं होते हैं। बाबू कहते हैं कि सरकार अगर 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना चाहती है तो ये तब तक संभव नहीं जबतक देश में 40% लोग कच्चे घर और झोपड़ियों में रहेंगे इसलिए सरकार को घर ख़रीदते समय जीएसटी, रजिस्ट्रेशन चार्ज और स्टाम्प ड्यूटी पर छूट देनी चाहिए और मध्यम और निचले वर्ग के लिए सोचना चाहिए तभी देश असल में विकास की ओर बढ़ पाएगा।