`India second, China first', पूर्व PM पर ऐसा क्यों बोले विदेश मंत्री Jaishankar
जयशंकर ने कहा, "इतना ही नहीं, जब संयुक्त राष्ट्र (सुरक्षा परिषद) की स्थायी सीट की बहस हुई और हमें इसकी पेशकश की जा रही थी, तो नेहरू का स्टैंड यह था कि हम इस सीट के लायक हैं लेकिन पहले चीन को यह मिलनी चाहिए।

विदेश मंत्री S Jaishankar ने पूर्व प्रधानमंत्री Jawaharlal Nehru पर एक बार फिर हमला बोला है। जयशंकर ने अहमदाबाद में कहा कि "India Second, China First" नेहरू की नीति थी। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि pok और भारत के कुछ क्षेत्रों पर चीन का दावा, सब पुरानी गलतियों का नतीजा है. विदेश मंत्री नेहरू के उस कथित कदम पर बोल रहे थे जब उन्होंने यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल की स्थायी सदस्यता ठुकरा दी थी। जयशंकर ने कहा कि वो देश के पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने, "India Second, China First" कहा था।
'हमें सावधानी बरतनी चाहिए', चीन पर बोले थे पटेल
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "1950 में (तब के गृह मंत्री) सरदार पटेल ने चीन को लेकर नेहरू को चेताया था। पटेल ने नेहरू से कहा था कि ऐसा पहली बार है जब भारत दो फ्रंट (पाकिस्तान और चीन) पर हालात का सामना कर रहा है, जैसा पहले कभी नहीं हुआ है। पटेल ने नेहरू से यह भी कहा कि वे चीन की बातों पर विश्वास नहीं करते क्योंकि उनके इरादे कुछ और ही प्रतीत होते हैं और हमें सावधानी बरतनी चाहिए।"विदेश मंत्री ने बताया, ''नेहरू ने पटेल को जवाब दिया कि आप अनावश्यक रूप से चीनियों पर संदेह करते हैं। नेहरू ने यह भी कहा कि किसी के लिए भी हिमालय से हम पर हमला करना नामुमकिन है। नेहरू (चीनी खतरे) को पूरी तरह से खारिज कर रहे थे।'' उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि बाद में क्या हुआ।
नेहरू कहते थे 'इंडिया सेकंड, चाइना फर्स्ट'
जयशंकर ने कहा, "इतना ही नहीं, जब संयुक्त राष्ट्र (सुरक्षा परिषद) की स्थायी सीट की बहस हुई और हमें इसकी पेशकश की जा रही थी, तो नेहरू का स्टैंड यह था कि हम इस सीट के लायक हैं लेकिन पहले चीन को यह मिलनी चाहिए। हम मौजूदा समय में इंडिया फर्स्ट की नीति पर काम कर रहे हैं। लेकिन एक समय था जब नेहरू कहते थे 'इंडिया सेकंड, चाइना फर्स्ट।'
'पीओके का मुद्दा यूएन ले जाया गया'
जयशंकर ने आगे कहा, पटेल कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने के पक्ष में नहीं थे, क्योंकि वह वहां के एक जज की 'मानसिकता' को जानते थे। उन्होंने कहा, "अगर आप जानते हैं कि जज पक्षपाती है, तो क्या आप उनसे न्याय मांगने जाएंगे? लेकिन यही हुआ, इस मुद्दे को यूएन में ले जाया गया और इसके तुरंत बाद पीओके में सैन्य अभ्यास रोकने का भी दबाव आया। उन्होंने कहा, "पिछली गलतियों की वजह से आज हम इन स्थितियों में पहुंच गए हैं।"