Independence Day 2024: दिल्ली उपराज्यपाल ने स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के लिए आतिशी नहीं बल्कि इन्हें नामित किया

यह निर्णय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चयन को नज़रअंदाज़ करते हुए लिया गया है। केजरीवाल ने वित्त मंत्री आतिशी को तिरंगा फहराने के लिए चुना था।

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कैलाश गहलोत, दिल्ली के गृह मंत्री

By प्रतिष्ठा अग्निहोत्री (Pratishtha Agnihotri) :

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराने के लिए दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत को नामित किया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चयन को नज़रअंदाज़ करते हुए लिया गया है। केजरीवाल ने वित्त मंत्री आतिशी को तिरंगा फहराने के लिए चुना था।

यह घटना तब हुई जब केजरीवाल 2021-22 के दिल्ली शराब घोटाले और मनी-लाउंडरिंग से संबंधित भ्रष्टाचार के मामलों में न्यायिक हिरासत हैं। उपराज्यपाल के सचिव आशीष कुंद्रा ने एक पत्र में कहा कि "उपराज्यपाल प्रसन्नता के साथ कैलाश गहलोत को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए नामित कर रहे हैं"।

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आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस निर्णय का स्वागत किया, यह कहते हुए कि यह लोकतंत्र के सिद्धांत का सम्मान करता है। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल का पत्र जिसमें आतिशी को तिरंगा फहराने के लिए कहा गया था उसे जेल प्रशासन द्वारा रोका गया था। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे " चुनी हुई सरकार" को तिरंगा फहराने से रोकने का प्रयास बताया।

इस बीच दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस निर्णय का समर्थन किया यह कहते हुए कि केजरीवाल की अनुपस्थिति में उन्हें यह अधिकार नहीं है कि वे ध्वज फहराने का निर्णय करें।

इस घटनाक्रम ने दिल्ली में राजनीति को और गर्म कर दिया है जहां एक ओर AAP ने इसे लोकतंत्र का उल्लंघन बताया तो वहीं भाजपा ने इसे आवश्यक कदम के रूप में देखा है। स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने का यह निर्णय राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और यह दर्शाता है कि कैसे राजनीतिक गतिशीलता समारोहों को प्रभावित कर सकती है। Independence Day 2024: दिल्ली उपराज्यपाल ने स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के लिए आतिशी नहीं बल्कि इन्हें नामित किया!!

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराने के लिए दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत को नामित किया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चयन को नज़रअंदाज़ करते हुए लिया गया है। केजरीवाल ने वित्त मंत्री आतिशी को तिरंगा फहराने के लिए चुना था।

यह घटना तब हुई जब केजरीवाल 2021-22 के दिल्ली शराब घोटाले और मनी-लाउंडरिंग से संबंधित भ्रष्टाचार के मामलों में न्यायिक हिरासत हैं। उपराज्यपाल के सचिव आशीष कुंद्रा ने एक पत्र में कहा कि "उपराज्यपाल प्रसन्नता के साथ कैलाश गहलोत को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए नामित कर रहे हैं"।

आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस निर्णय का स्वागत किया, यह कहते हुए कि यह लोकतंत्र के सिद्धांत का सम्मान करता है। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल का पत्र जिसमें आतिशी को तिरंगा फहराने के लिए कहा गया था उसे जेल प्रशासन द्वारा रोका गया था। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे "चुनावित सरकार" को तिरंगा फहराने से रोकने का प्रयास बताया।

इस बीच दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस निर्णय का समर्थन किया यह कहते हुए कि केजरीवाल की अनुपस्थिति में उन्हें यह अधिकार नहीं है कि वे ध्वज फहराने का निर्णय करें।

इस घटनाक्रम ने दिल्ली में राजनीति को और गर्म कर दिया है जहां एक ओर AAP ने इसे लोकतंत्र का उल्लंघन बताया तो वहीं भाजपा ने इसे आवश्यक कदम के रूप में देखा है। स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने का यह निर्णय राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और यह दर्शाता है कि कैसे राजनीतिक गतिशीलता समारोहों को प्रभावित कर सकती है।

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