Agneepath Scheme: अग्निपथ योजना पर विपक्ष पर जमकर बरसे प्रधानमंत्री, PM Modi ने बताया क्यों खास है अग्निपथ स्कीम?
अग्निपथ योजना का मुख्य उद्देश्य सेना को युवा बनाना और इसे युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाए रखना है। दशकों से, संसद और विभिन्न समितियों में भारतीय सेनाओं को युवा बनाने की आवश्यकता पर चर्चा होती रही है। भारतीय सैनिकों की औसत आयु वैश्विक औसत से अधिक है, जो एक चिंता का विषय है।

PM Modi ने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की विजय की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने अग्निपथ योजना की सराहना की और विपक्ष को आलोचना करते हुए कहा कि "राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को राजनीति का विषय बना दिया गया है।"प्रधान मंत्री ने ड्रास युद्ध स्मारक पर फूल चढ़ाकर उन अधिकारियों और सैनिकों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने देश की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया।26 जुलाई 1999 को, भारतीय सेना ने "ऑपरेशन विजय" की सफल समाप्ति की घोषणा की, जिसमें लगभग तीन महीने तक चलने वाली लड़ाई के बाद कारगिल की बर्फीली ऊंचाइयों पर विजय प्राप्त की गई। इस दिन को 'कारगिल विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है, जो भारत की पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में विजय की स्मृति में मनाया जाता है।
अग्निपथ योजना पर क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी?
पीएम मोदी ने कहा, ''...अग्निपथ योजना भी सेना द्वारा किए गए आवश्यक सुधारों का एक उदाहरण है...कुछ लोग सोचते थे कि सेना का मतलब राजनेताओं को सलामी देना, परेड करना है लेकिन हमारे लिए सेना का मतलब 140 करोड़ लोगों का विश्वास है देशवासियों अग्निपथ का लक्ष्य सेना को युवा बनाना है, सेना को युद्ध के लिए निरंतर फिट रखना है।” उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से, कुछ लोगों ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील मुद्दे को राजनीति का विषय बना दिया है। ये वही लोग हैं जिन्होंने सेना में हजारों करोड़ रुपये के घोटाले करके हमारी सेना को कमजोर किया।" पीएम मोदी ने कहा, ''पता नहीं कुछ लोगों की सोच को क्या हो गया है. वो ये गलतफहमी फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन का पैसा बचाने के लिए ये योजना लेकर आई है...'' उन्होंने आगे कहा, ''आज की भर्तियों के लिए, 30 साल बाद उठेगा पेंशन का सवाल... हमने सेना द्वारा लिए गए इस फैसले का सम्मान किया है क्योंकि हम 'राष्ट्रनीति' के लिए काम करते हैं, 'राजनीति' के लिए नहीं...''
अग्निपथ योजना का उद्देश्य
दशकों से, संसद और विभिन्न समितियों में भारतीय सेनाओं को युवा बनाने की आवश्यकता पर चर्चा होती रही है। भारतीय सैनिकों की औसत आयु वैश्विक औसत से अधिक है, जो एक चिंता का विषय है। इस मुद्दे को कई वर्षों तक विभिन्न समितियों में उठाया गया, लेकिन पहले इस चुनौती का समाधान करने की इच्छाशक्ति नहीं दिखाई गई। अग्निपथ योजना के माध्यम से, देश ने इस चिंता को संबोधित किया है। इस योजना के तहत, युवा पुरुषों और महिलाओं को चार वर्षों के लिए सशस्त्र बलों में सेवा देने का अवसर दिया जाएगा। इस योजना के तहत भर्ती की प्रक्रिया हर साल लगभग 45,000-50,000 जवानों की होगी, जिन्हें "अग्निवीर" कहा जाएगा। अग्निपथ योजना के अनुसार, सभी तीन सेवाओं में भर्ती के लिए एक केंद्रीकृत ऑनलाइन प्रणाली का उपयोग किया जाएगा, जिसमें विशेष रैलियां और तकनीकी संस्थानों में कैंपस इंटरव्यू शामिल होंगे।
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अग्निपथ योजना की आवश्यकता
रक्षा मंत्रालय द्वारा संसद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, सेना में जूनियर कमीशन अधिकारियों और अन्य रैंक के लिए एक लाख से अधिक पद रिक्त हैं। महामारी के कारण, 2020-2021 में केवल 47 भर्ती रैलियां आयोजित की गईं, जबकि 2021-2022 में केवल चार रैलियां हुईं। यह स्थिति सेना की भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित कर रही थी।
अग्निपथ योजना का मुख्य उद्देश्य सेना को भविष्य के लिए तैयार करना है, ताकि यह विभिन्न चुनौतियों का सामना कर सके। यह योजना न केवल सेना की औसत आयु को 32 वर्ष से घटाकर 24-26 वर्ष करने का लक्ष्य रखती है, बल्कि यह वार्षिक राजस्व और पेंशन बिल को भी कम करने में मदद करेगी।
राजनीतिक विवाद और चुनौतियाँ
दुर्भाग्यवश, इस योजना को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है। कुछ लोग सेना के इस सुधार पर अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में झूठ की राजनीति कर रहे हैं। यह वही लोग हैं जिन्होंने सेनाओं में हजारों करोड़ के घोटाले किए हैं और हमारी सेनाओं को कमजोर किया है। इस योजना के आलोचक, विशेष रूप से पूर्व सैनिकों के समुदाय में, इसकी आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि चार वर्षों की सेवा के बाद अग्निवीरों को सेना से बाहर कर दिया जाएगा, जिससे उन्हें संगठन के प्रति एक स्थायी संबंध नहीं बनेगा।
अग्निपथ योजना के लाभ
अग्निपथ योजना के कई सकारात्मक पहलू हैं।
युवाओं के लिए अवसर: यह योजना युवाओं को देश की सेवा करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है।
कौशल विकास: अग्निवीरों को सैन्य सेवा के दौरान विभिन्न कौशल विकसित करने का अवसर मिलेगा, जो उन्हें समाज में वापस लौटने पर लाभान्वित करेगा।
रक्षा बजट में कमी: यह योजना भारतीय रक्षा बजट में पेंशन और वेतन के खर्च को कम करने में मदद करेगी, जिससे अन्य क्षेत्रों में अधिक निवेश किया जा सकेगा।
समाज और सेना का संबंध: अग्निपथ योजना से समाज और सेना के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित होगा, जिससे युवाओं में राष्ट्रवाद की भावना बढ़ेगी।
अग्निपथ योजना भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण सुधार है, जो न केवल सेना को युवा बनाने का लक्ष्य रखती है, बल्कि यह देश की सुरक्षा को भी मजबूत करेगी। हालांकि, इस योजना के कार्यान्वयन में चुनौतियाँ हैं, जिनका समाधान करना आवश्यक है। इस योजना के प्रति राजनीतिक समर्थन और सही दिशा निर्देशों की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अग्निवीरों को सेवा के बाद रोजगार के अवसर उपलब्ध हों। अंततः, अग्निपथ योजना का सफल कार्यान्वयन भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमता को बढ़ाने और देश की सुरक्षा को मजबूत करने में सहायक होगा।