कौन-कौन से है टैक्स को लेकर बड़े बदलाव?

1 अप्रैल से सैलरीड क्लास, पेंशनर्स और सीनियर सिटिजंस के लिए टैक्स में कई बदलाव हैं, जिनका ऐलान इस साल के बजट में भी किया गया था। हम आपको ऐसे ही 10 बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं। आपकी टैक्स प्लानिंग के लिए इन बदलावों को जानना बेहद जरूरी है। इसमें नए टैक्स सिस्टम से लेकर, बीमा, रेजिडेंशियल, सीनियर सिटिजंस के टैक्स से जुड़े बदलाव शामिल हैं।

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कौन-कौन से है टैक्स को लेकर बड़े बदलाव

1 अप्रैल, 2023 से नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही टैक्स से जुड़े कई अहम बदलाव भी लागू हो जाएंगे, जिसका सीधा सरोकार आपकी जेब से है। 1 अप्रैल से सैलरीड क्लास, पेंशनर्स और सीनियर सिटिजंस के लिए टैक्स में कई बदलाव हैं, जिनका ऐलान इस साल के बजट में भी किया गया था। हम आपको ऐसे ही 10 बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं. आपकी टैक्स प्लानिंग के लिए इन बदलावों को जानना बेहद जरूरी है। इसमें नए टैक्स सिस्टम से लेकर, बीमा, रेजिडेंशियल, सीनियर सिटिजंस के टैक्स से जुड़े बदलाव शामिल हैं।

1 - नया टैक्स सिस्टम बनेगा डिफॉल्ट सिस्टम

1 अप्रैल, 2023 से इनकम टैक्स का नया सिस्टम वित्त वर्ष 2023-24 के लिए डिफॉल्ट सिस्टम बन जाएगा. हालांकि टैक्सपेयर्स के पास ऑप्शन होगा कि जब वो ITR फाइल करे तो पुराने टैक्स सिस्टम को अपनी सुविधा के मुताबिक चुन सकता है. अगर टैक्सपेयर्स नए और पुराने टैक्स सिस्टम में से किसी का भी चुनाव नहीं करते हैं, तब टैक्स का कैलकुलेशन नए टैक्स सिस्टम के आधार पर होगा।

2- TDS में कटौती

सैलरीड क्लास के लिए 1 अप्रैल, 2023 से TDS में कटौती का फायदा मिलेगा। 7 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वालों को सेक्शन 87A के तहत अतिरिक्त टैक्स रिबेट मिलेगी, और कोई TDS नहीं कटेगा। पहले ये सीमा 5 लाख थी. टैक्स रिबेट की राशि 12,500 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी गई है।

3- स्टैंडर्ड डिडक्शन

सैलरीड और पेंशनर्स के लिए 1 अप्रैल से नए टैक्स सिस्टम में जिनकी टैक्सेबल इनकम 15.50 लाख से ज्यादा है, उन्हें 52,500 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। पुराने टैक्स सिस्टम में स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि में कोई बदलाव नहीं किया गया है, ये 50,000 रुपये ही है।

4- टैक्स स्लैब में बदलाव

नए इनकम टैक्स स्लैब में, बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट 2.5 लाख रुपये से बढ़कर 3 लाख रुपये हो जाएगी. मतलब 3 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. 3 से 5 लाख रुपये पर टैक्स 5%, 6 लाख से 9 लाख रुपये पर टैक्स 10%, 12 लाख से 15 लाख रुपये पर टैक्स 20%, 15 लाख से ऊपर की सालाना कमाई पर टैक्स 30% की दर से वसूला जाएगा।

5- लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर टैक्स

बीमा क्षेत्र भी 1 अप्रैल, 2023 से कुछ अहम बदलाव लेकर आएगा. अगर आपने कोई इंश्योरेंस स्कीम ले रखी है, जिसका सालाना प्रीमियम 5 लाख रुपये से ज्यादा है. तो उस पॉलिसी से होने वाली कमाई पर टैक्स देना होगा। हालांकि ये नियम यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) पर लागू नहीं होगा। हालांकि इससे बीमित व्यक्ति की मृत्यु पर मिलने वाली रकम पर टैक्स छूट मिलती रहेगी।

6- डेट म्यूचुअल फंड्स पर LTCG टैक्स बेनेफिट खत्म

डेट म्यूचुअल फंड्स पर मिलने वाले लॉन्ग टर्म बेनेफिट 1 अप्रैल, 2023 से खत्म हो जाएंगे, इनसे होने वाले गेंस को शॉर्ट टर्म गेंस माना जाएगा, और टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा, अभी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस में इंडेक्सेशन के साथ 20% टैक्स लगता है. हालांकि ये नियम उन्हीं डेट म्यूचुअल फंड्स पर लागू होंगे जो 1 अप्रैल को या इसके बाद खरीदे जाएंगे, पहले से खरीदे गए फंड्स पर कोई असर नहीं होगा।

7- लीव इनकैशमेंट

गैर-सरकार कर्मचारियों के लिए 1 अप्रैल, 2023 से 25 लाख तक का लीव इनकैशमेंट अमाउंट टैक्स फ्री हो जाएगा। पहले ये राशि 3 लाख रुपये थी।

8- इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड कन्वर्जन टैक्स फ्री

इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक कदम उठाया है। 1 अप्रैल से फिजिकल सोने को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट (EGR) में बदलने, या फिर EGR को फिजिकल गोल्ड में बदलने पर कोई कैपिटल गेंस टैक्स नहीं देना होगा। इससे भारत में डिजिटल गोल्ड खरीदने को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

9- सेक्शन 54, 54F के तहत मिलने वाले फायदे घटे

1 अप्रैल, 2023 से सेक्शन 54 और सेक्शन 54F के तहत मिलने वाली कैपिटल गेंस टैक्स की छूट को 10 करोड़ रुपये तक सीमित कर दिया गया है, पहले इसकी कोई लिमिट नहीं थी। कोई भी व्यक्ति जब अपना रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी बेचता है, तो उसे सेक्शन 54 के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस का फायदा मिलता है, पहले इस पर कोई लिमिट नहीं थी, लेकिन अब इस गेन को 10 करोड़ रुपये तक सीमित कर दिया है, मतलब 10 करोड़ रुपये से ज्यादा के गेन पर 1 अप्रैल से टैक्स देना होगा। इस पर इंडेक्सेशन के साथ फ्लैट 20% का टैक्स लगेगा।

10- सीनियर सिटिजंस को फायदा

1 अप्रैल, 2023 से सीनियर सिटिजंस सेविंग स्कीम के लिए अधिकतम डिपॉजिट की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी गई है। इसके अलावा मंथली इनकम स्कीम के तहत अधिकतम डिपॉजिट स्कीम की सीमा 9 लाख रुपये कर दी गई है, जो कि पहले 4.5 लाख रुपये थी, ज्वाइंट अकाउंट के केस में ये 15 लाख रुपये होगी।

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