JDU सांसद कौशलेंद्र कुमार ने वित्त मंत्री को क्यों लिखा पत्र?
टाटा की एक और कंपनी लिस्ट होने की तैयारी कर रही है। इससे पहले पिछले साल 2023 में 19 साल के लंबे इंतजार के बाद एक टाटा कंपनी लिस्ट हुई थी। इसी बीच लोकसभा के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने वित्त मंत्री को पत्र लिखा है।

लोकसभा के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने टाटा संस के खिलाफ जारी विवाद में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सार्वजनिक लिस्टिंग आवश्यकता को दरकिनार करने के प्रयासों को लेकर सरकार से हस्तक्षेप की अपील की है।
कौशलेंद्र कुमार, जो चार बार के सांसद हैं। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजकर इस मामले की जांच करने का अनुरोध किया है, क्योंकि उनका मानना है कि इससे भारतीय सरकार और रिजर्व बैंक जैसे संस्थानों की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस को सितंबर 2023 में रिजर्व बैंक के स्केल-आधारित विनियमन (SBR) फ्रेमवर्क के तहत एक सिस्टमेटिकली इम्पोर्टेंट एंटिटी (SIE) के रूप में वर्गीकृत किया गया था। इस वर्गीकरण के तहत कंपनी को अपनी शेयरों को सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध करने की आवश्यकता है।
सांसद ने अपने पत्र में कहा है कि सरकार को RBI की नियामक प्रक्रियाओं की सत्यनिष्ठा सुनिश्चित करनी चाहिए और कॉर्पोरेट हितों के अनुचित प्रभाव को रोकना चाहिए। सांसद ने अपनी अपील में कहा है कि इस पत्र के जरिए पारदर्शिता और निष्पक्षता सामने लाने की कोशिश है। खासकर जब बात हो सिस्टमेटिकली इम्पोर्टेंट एंटिटीज़ जैसे टाटा संस की नियामक निगरानी की।
इस पत्र में ये भी कहा गया है कि वेणु श्रीनिवासन की दोहरी भूमिका है, जो टाटा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष और टाटा सन्स के निदेशक हैं। साथ ही वे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) में भी निदेशक के रूप में कार्य करते हैं। श्रीनिवासन का दोनों संस्थाओं में प्रभाव हितों के टकराव की स्थिति उत्पन्न कर सकता है।
हालांकि टाटा की एक और कंपनी लिस्ट होने की तैयारी कर रही है। इससे पहले पिछले साल 2023 में 19 साल के लंबे इंतजार के बाद एक टाटा कंपनी लिस्ट हुई थी। अब RBI के एक नियम के चलते Tata Capital को भी लिस्ट करने की तैयारी हो रही है। इसमें कंपनी अधिक समय भी नहीं ले सकती है।