Bankrupt Pakistan: कंगाल पाकिस्तान में सरकारी कंपनियां बिकने के कगार पर

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद में प्राइवेटाइजेशन कमीशन की मीटिंग में इसका एलान किया। प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रियों से अपील की है कि वो प्रक्रिया को आसान बनाने में प्राइवेटाइजेशन कमीशन का सहयोग करें।

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पाकिस्तान की टॉप सरकारी कंपनियां हैं जिनकी बिक्री होने जा रही है।
पाकिस्तान की टॉप सरकारी कंपनियां हैं जिनकी बिक्री होने जा रही है।

By BT बाज़ार डेस्क:

जहां एक तरफ हमारे देश की सरकारी कंपनियों शानदार परफॉर्म कर रही हैं। उनके बेहतरीन रिजल्ट्स आ रहे हैं, निवेशक मालामाल हो रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री Shehbaz Sharif कह रहे हैं कि बिजनेस करना सरकार का काम नहीं है, सरकार का काम बिजनेस और देश में निवेश के लिए अच्छा माहौल देना है और इस बयान के साथ ही उन्होंने सभी सरकारी कंपनियों को बेचने का फैसला किया है। अब आप सोचिए एक दो नहीं बल्कि पाकिस्तान की तमाम करीब 88 सरकारी कंपनियां बिकने जा रही है। ऐसा क्या हो रहा है पाकिस्तान में?
 

प्राइवेटाइजेशन

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद में प्राइवेटाइजेशन कमीशन की मीटिंग में इसका एलान किया। प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रियों से अपील की है कि वो प्रक्रिया को आसान बनाने में प्राइवेटाइजेशन कमीशन का सहयोग करें। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय की दिसंबर 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास कुल 88 सरकारी कंपनियां हैं।आगे की स्थिति समझें पहले आपको थोड़ी पृष्ठभूमि भी बता देते हैं। सरकारी कंपनियां तो बाद की बात हैं बल्कि पाकिस्तान अपने बंदरगाहों और एयरपोर्ट्स तक को बेच चुका है। पाकिस्तान ने पिछले साल इस्लामाबाद एयरपोर्ट को ठेके पर देने का फैसला किया था। पूर्व एविएशन मिनिस्टर ख्वाजा साद रफीक ने संसद में इसकी जानकारी दी थी। पाकिस्तान अपने सबसे बड़े कराची पोर्ट को भी बेच चुका है। पिछले साल पाकिस्तान ने अपने सबसे बड़े कराची पोर्ट को लेकर UAE के साथ एक कंसेशन एग्रीमेंट साइन किया था। पाकिस्तान सरकार ने बिजली की रफ्तार से महज 4 दिनों में ये डील फाइनल की थी।

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सरकारी कंपनियों को बेचा जाएगा

अब पाकिस्तान नए मिशन पर निकला है। अपनी तमाम सरकारी कंपनियों को बेचने पर। सबसे पहले पाकिस्तान International Airline Company Limited का प्राइवेटाइजेशन किया जाएगा। इसकी बोली लगेगी और उसे टीवी पर लाइव ब्रॉडकास्ट किया जाएगा। पाकिस्तान में कंपनियों को बेचने के प्रोग्राम को 'प्राइवेटाइजेशन प्रोग्राम 2024-2029' नाम दिया गया है। इसमें पाकिस्तान की बिजली कंपनियां भी शामिल हैं। सबसे पहले उन कंपनियों को बेचा जाएगा जो घाटे में हैं। उसके बाद मुनाफा कमाने वाली सरकारी कंपनियों को बेचा जाएगा। पहले फेज में 24 कंपनियों के लिए बोली लगाई जाएगी। इन कंपनियों को नजर डालें तो 

Aviation Sector

 Pakistan International Airlines Co. Ltd.

Real Estate
1. Services International Hotel, Lahore
2. Jinnah Convention Centre, Islamabad
3. Roosevelt Hotel NY
4. Sale of properties owned/ controlled by the Federal Government

Financial Sector
6. Pakistan Re-Insurance Co. Ltd. (PakRe)
7. State Life Insurance Co. Ltd. (PakRe)
8. House Building Finance Corporation (HBFC)
9. First Women Bank Limited

Industrial Sector
10. Sindh Engineering Limited (SEL)
11. Pakistan Engineering Company (PECO)

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)

तो पाकिस्तान की टॉप सरकारी कंपनियां हैं जिनकी बिक्री होने जा रही है। हालांकि ये लिस्ट तो काफी लंबी है। अब यहां सवाल उठता है कि आखिर पाकिस्तान अपनी सरकारी कंपनियों को बेच क्यों रहा है? शहबाज शरीफ ने कंपनियों को बेचने की घोषण 12 मई को IMF की एडवांस टीम के पाकिस्तान दौरे के बाद की है। आर्थिक संकट और IMF की कड़ी शर्तों से जूझ रहे पाकिस्तान ने सभी सरकारी कंपनियों को बेचने का फैसला किया है। पाकिस्तान को IMF से बेलआउट पैकेज मिलने के बाद से कई कड़े फैसले लेने पड़े हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक पाकिस्तान ने IMF के दबाव में आकर सभी सरकारी कंपनियों को बेचने का फैसला किया है। इससे पहले जब पिछले साल पाकिस्तान को IMF से 10 हजार करोड़ रुपए का पैकेज मिला था, तब भी शरीफ सरकार को कई कड़े फैसले लेने को कहा गया था। IMF ने हर तरह की सब्सिडी खत्म करने, पेट्रोल-डीजल और बिजली 30% तक महंगी करने और टैक्स कलेक्शन 10% तक बढ़ाने की मांग की थी। पाकिस्तान में पिछले महीने (अप्रैल 2024) महंगाई दर में 17.3% की गिरावट दर्ज की गई।

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