'एक मेडिकल इमजरेंसी आपको दिवालिया बना सकती है'
जीरोधा के सह-संस्थापक नितिन कामथ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अधिकांश भारतीय "दिवालियापन से केवल एक अस्पताल में भर्ती होने की दूरी पर हैं"।

जीरोधा के सह-संस्थापक नितिन कामथ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अधिकांश भारतीय "दिवालियापन से केवल एक अस्पताल में भर्ती होने की दूरी पर हैं"।
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कामथ ने अपने पोस्ट में सुझाव दिया
कामथ ने अपने पोस्ट में सुझाव दिया कि भारतीयों को फाइनेंशियल क्राइसिस से बचने के लिए कम से कम पांच से दस वर्षों के अनुभव वाले बीमाकर्ताओं का सावधानीपूर्वक चयन करना चाहिए, जिनका क्लेम सेटलमेंट कम से कम 80 से 90 प्रतिशत तक हो। उन्होंने 5,000-8,000 नेटवर्क अस्पतालों और 55-75% दावा अनुपात वाली बीमा कंपनियों का चयन करने की भी सिफारिश की और कहा कि लंबे समय तक फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिए हेल्थ बीमा जरूरी है।
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इंश्योरटेक कंपनी प्लम की एक रिपोर्ट कहती है
इंश्योरटेक कंपनी प्लम की एक रिपोर्ट कहती है कि भारत में मेडिकल इनफ्लेशन की दर एशिया में सबसे अधिक है, जो 14% तक पहुँच गई है, जिसके कारण लोगों की फाइनेंशियल हेल्थ पर काफी असर पड़ता है। प्लम के सह-संस्थापक और सीटीओ सौरभ अरोड़ा कहते हैं, "एक औसत व्यक्ति 90,000 घंटे काम करने में बिताता है। यह उनके जीवन का लगभग एक तिहाई है। कर्मचारियों का स्वास्थ्य पर काफी असर होता है और कॉरपोरेट संगठनों को इसके बारे में सोचना चाहिए।