बांग्लादेश में एक और हिंदू पुजारी श्याम दास की गिरफ्तारी, इस्कॉन सदस्य ने जताई नाराज़गी
इस्कॉन के प्रवक्ता ने इन घटनाओं पर नाराज़गी जताते हुए इसे बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ एक सुनियोजित दमन अभियान बताया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है।

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ कार्रवाई जारी है। आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद, अब एक और हिंदू पुजारी श्याम दास प्रभु को चटगांव में गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि श्याम दास प्रभु जेल में बंद चिन्मय दास से मिलने गए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने शुक्रवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, "एक और ब्रह्मचारी श्री श्याम दास प्रभु को आज चटगांव पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।" उन्होंने इसे बेहद चौंकाने वाली और परेशान करने वाली घटना बताया।
बिना वारंट गिरफ्तारी पर सवाल
श्याम दास प्रभु को कथित तौर पर बिना किसी आधिकारिक वारंट के गिरफ्तार किया गया। इस पर सवाल उठाते हुए राधारमण दास ने लिखा, "क्या वह आतंकवादी जैसा दिखता है? #FreeISKCONMonks Bangladesh।"
हिंदू समुदाय पर बढ़ते हमले
अगस्त में शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ दमन बढ़ गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 200 से अधिक मंदिरों को निशाना बनाया जा चुका है।
इस सप्ताह बांग्लादेशी अधिकारियों ने इस्कॉन से जुड़े 17 लोगों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए, जिनमें चिन्मय कृष्ण दास का खाता भी शामिल है। इसके साथ ही, उच्च न्यायालय में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की याचिका दायर की गई थी, जिसमें अटॉर्नी जनरल ने संगठन को "धार्मिक कट्टरपंथी समूह" करार दिया। हालांकि, न्यायालय ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध को खारिज कर दिया।
प्रवक्ता का बयान
इस्कॉन के प्रवक्ता ने इन घटनाओं पर नाराज़गी जताते हुए इसे बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ एक सुनियोजित दमन अभियान बताया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है।
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ हो रही घटनाओं ने वैश्विक स्तर पर चिंताएं बढ़ा दी हैं, और धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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