X पर क्यों ट्रेंड कर रही हैं अनुराधा तिवारी

एक्स (X) पर एक पोस्ट ट्रेंड कर रही है, जिसमें यूजर अनुराधा तिवारी ने अपनी फोटो के साथ "ब्राह्मण जीन" के दो शब्दों का कैप्शन दिया था। इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर एक बहस छिड़ गई, जो अभी तक थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बहस का मुख्य मुद्दा यह है कि क्या जातिगत आरक्षण हिंदुओं को बांट रहा है और क्या इसे जारी रखना चाहिए या इसमें कुछ बदलाव की आवश्यकता है? इंडिया टुडे ग्रुप के गौतम शंकर ने अनुराधा से इस विषय पर विस्तार से बातचीत की।

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Anuradha Tiwari
Anuradha Tiwari

By BT बाज़ार डेस्क:

एक्स (X) पर एक पोस्ट ट्रेंड कर रही है, जिसमें यूजर अनुराधा तिवारी ने अपनी फोटो के साथ "ब्राह्मण जीन" के दो शब्दों का कैप्शन दिया था। इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर एक बहस छिड़ गई, जो अभी तक थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बहस का मुख्य मुद्दा यह है कि क्या जातिगत आरक्षण हिंदुओं को बांट रहा है और क्या इसे जारी रखना चाहिए या इसमें कुछ बदलाव की आवश्यकता है? इंडिया टुडे ग्रुप के गौतम शंकर ने अनुराधा से इस विषय पर विस्तार से बातचीत की।

ब्राह्मण जीन पोस्ट: मासूम इरादा, तीखी प्रतिक्रिया

अनुराधा ने बताया कि "ब्राह्मण जीन" के साथ उनकी पोस्ट का इरादा मासूम था, लेकिन यह एक ऐसी चर्चा को जन्म दे गई जिसने सोशल मीडिया पर भूचाल ला दिया। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण होने पर उन्हें गर्व है और हर किसी को अपनी जाति पर गर्व होना चाहिए। हालांकि, जब भी कोई ब्राह्मण शब्द का इस्तेमाल करता है, तो कई सामाजिक न्याय समर्थकों के लिए यह एक ट्रिगर बन जाता है। इस बार प्रतिक्रिया इतनी तीव्र थी कि उन्हें ट्रोलिंग और नफरत भरे ईमेल का सामना करना पड़ा। लेकिन इस बार जनरल कैटेगरी के अन्य लोग भी ब्राह्मणों के समर्थन में सामने आए और उन्होंने भी अपनी तस्वीरों के साथ "ब्राह्मण जीन" को ट्रेंड किया।

ब्राह्मणों के प्रति नफरत: क्या है असली वजह?

अनुराधा का मानना है कि हिंदू विरोधी ताकतें समझती हैं कि हिंदुओं को कमजोर करने के लिए ब्राह्मणों को निशाना बनाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश राज के दौरान भी मिशनरियों ने माना था कि अगर ब्राह्मण नहीं होते तो भारत में हिंदू धर्म को ईसाई धर्म में परिवर्तित करना आसान होता। अनुराधा का कहना है कि आज भी ब्राह्मणों पर हमले बढ़ रहे हैं और यह सब सरकार की नाक के नीचे हो रहा है। उनके अनुसार, ब्राह्मणों पर शोषण और अन्याय का लेबल लगाया गया है और इसके नाम पर वोट बैंक की राजनीति खेली जा रही है।

ब्राह्मणों की स्थिति: आज के परिप्रेक्ष्य में

अनुराधा ने बताया कि ब्राह्मण होना आज के समय में कोई विशेषाधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज के लोग आज विभिन्न कामों में जुटे हुए हैं, जैसे कि टॉयलेट क्लीनर, रिक्शा चालक, कारीगर आदि। बावजूद इसके, उन्हें सरकारी लाभ नहीं मिलते क्योंकि वे तथाकथित प्रिविलेज्ड कास्ट से हैं। अनुराधा का कहना है कि वे सिर्फ अपनी जाति के बारे में बात कर रही हैं, जबकि अन्य लोग अपनी जाति का लाभ उठा रहे हैं।

आरक्षण: क्या यह हिंदुओं को एकजुट कर रहा है?

अनुराधा का कहना है कि आरक्षण ने हिंदुओं को जितना बांटा है, उतना अंग्रेज भी नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि कास्ट सिस्टम को बनाए रखने में आरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका है। उनके अनुसार, 77 सालों में एक भी रिजर्व्ड कैटेगरी जनरल कैटेगरी में नहीं बदल पाई है।

जातिगत जनगणना: एक नया खतरा

अनुराधा का मानना है कि जातिगत जनगणना से देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जनरल कैटेगरी के लोग, जो सफल हैं, देश छोड़ रहे हैं। उनका मानना है कि जातिगत जनगणना से देश में और भी विभाजन होगा, जो कि किसी भी रूप में फायदेमंद नहीं हो सकता।

वन फैमिली- वन रिजर्वेशन: एक नया दृष्टिकोण

अनुराधा का सुझाव है कि अगर एक परिवार में किसी को पहले से आरक्षण मिला है, तो बाकी सदस्यों को जनरल कैटेगरी में लाना चाहिए। उनका मानना है कि "वन फैमिली- वन रिजर्वेशन" नीति लागू होनी चाहिए ताकि वोट बैंक की राजनीति पर अंकुश लगाया जा सके।

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