RBI New Guidelines: गोल़्ड लोन बांटने वाली NBFC पर कसा शिकंजा, शेयर धड़ाम

रिजर्व बैंक का ये कदम केंद्रीय बैंक के उस फैसले के कुछ हफ्तों के बाद आया है जिसमें बैंक ने देश के दूसरे सबसे बड़े गोल्ड लोन प्लेयर IIFL फाइनेंस के खिलाफ कार्रवाई की थी।

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गोल्ड लोन को लेकर रिजर्व बैंक की सख्ती लगातार बनी हुई है
गोल्ड लोन को लेकर रिजर्व बैंक की सख्ती लगातार बनी हुई है

By BT बाज़ार डेस्क:

RBI की तरफ से एक के बाद एक नए फैसले आ रहे हैं। कुछ वक्त पहले ही केंद्रीय बैंक ने लेंडर्स को अंडर-कंस्ट्र्क्शन इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के लिए ज्यादा प्रोविजन अलग से रखने समेत कई बातें प्रस्तावित किया है। जिसका असर IREDA, REC Limited, Power Finance Corporation पर नेगेटिव देखने को मिला था। लेकिन एक बार फिर RBI की तरफ से एक और बड़ा कदम उठाया गया है। जिसका असर तमाम NBFCs पर देखने को मिल रहा है। इसमें IREDA , REC Limited, Power Finance Corporation, Manappuram Finance, Muthoot Finance, Cholamandalam Investment, Bajaj Finance, IIFL Finance, L&T Finance तमाम NBFC स्टॉक हैं2, इनमें गिरावट देखने को मिल रही है। इसमें खासकर वो स्टॉक हैं, जिनका बिजनेस गोल्ड लोन पर काफी हद तक आधारित है।

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रिजर्व बैंक की सख्ती 

गोल्ड लोन को लेकर रिजर्व बैंक की सख्ती लगातार बनी हुई है। अब रिजर्व बैंक ने NBFC को निर्देश दिया है कि वो लोन बांटते वक्त कैश की सीमा का सख्ती से पालन करें। मीडिया की रिपोर्ट्स की मानें तो रिजर्व बैंक ने तमाम NBFC को कहा है कि कोई भी कंपनी 20 हजार से ऊपर के कर्ज का भुगतान कैश में न करें। केंद्रीय  बैंक ने कहा कि वो कैश में भुगतान करते वक्त इनकम टैक्स एक्ट के प्रावधानों को फॉलो करें। रिपोर्ट्स के मुताबिक रिजर्व बैंक का ये लैटर गोल्ड लोन ऑफर करने वाली NBFC जैसे मुथूट फाइनेंस और मण्णापुरम फाइनेंस को भी भेजा गया है। दरअसल ये देखने को मिला है कि गोल्ड लोन कंपनियां कई बार अपने बड़े लोन भी कैश में ही जारी कर देती हैं। जिसके बाद रिजर्व बैंक ने ये लैटर भेजा है।

गोल्ड लोन

रिजर्व बैंक का ये कदम केंद्रीय बैंक के उस फैसले के कुछ हफ्तों के बाद आया है जिसमें बैंक ने देश के दूसरे सबसे बड़े गोल्ड लोन प्लेयर IIFL फाइनेंस के खिलाफ कार्रवाई की थी। ये कार्रवाई कैश में भुगतान को लेकर तय नियमों का पालन न करने की वजह से की गई थी। आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक ग्राहक को 20 हजार से ऊपर का लोन कैश में नहीं दिया जा सकता। हालांकि गोल्ड लोन के मामले में कई बार ग्राहकों को पैसा कैश में दिया जा रहा था। जिसके बाद रिजर्व बैंक ने कदम उठाया।

सोने की कीमतों में तेज उछाल

सोने की कीमतों में तेज उछाल से गोल्ड लोन को लेकर बैंकों के लिए बढ़ते जोखिम को देखते हुए मार्च में ही वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों से कहा था कि वो गोल्ड लोन की प्रक्रिया की समीक्षा करें. इससे पहले रिजर्व बैंक गवर्नर भी लोन को लेकर सतर्कता की बात कह चुके हैं। गोल्ड लोन एक तरह का पर्सनल लोन होता है हालांकि इसमें सोना गिरवी रखा जाता है लेकिन ग्राहक पैसे का अपने हिसाब से इस्तेमाल करता है. लोन का साइज सोने के भाव के एक हिस्से के रूप में होता है। अगर कीमतों में बढ़ोतरी होती है तो स्वीकृत लोन का साइज भी बढ़ जाता है। रिजर्व बैंक को आशंका है कि कीमतों में तेज उछाल से NBFC और बैंक उसी गोल्ड पर ज्यादा लोन बांटेंगे और उनके लिए जोखिम बढ़ सकता है। वहीं बड़ी रकम कैश में दिए जाने से रकम के गलत इस्तेमाल की आशंका और लोन बांटने वाले संस्थानों के लिए जोखिम दोनों ही  बढ़ सकता है.

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