Polycab Group Raid: Income Tax Department ने छापेमारी में 1000 करोड़ रुपये की कैश बिक्री पकड़ी

पॉलीकैब पर लगे टैक्स चोरी के आरोप मामले में सीबीडीटी ने कहा कि डिस्ट्रीब्यूटर की शह पर कई पार्टियों ने अपने अकाउंट्स में रकम बढ़ा-चढ़ा कर दिखाई। कुल मिलाकर ऐसी रकम लगभग 500 करोड़ रुपये है।

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Polycab Company पर छापेमारी के बारे में बुधवार को CBDT ने अहम जानकारी दी
Polycab Company पर छापेमारी के बारे में बुधवार को CBDT ने अहम जानकारी दी

By BT बाज़ार डेस्क:

Polycab Company पर छापेमारी के बारे में बुधवार को सेंट्रल बॉर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने अहम जानकारी दी। उन्होंने कहा, लगभग 1,000 करोड़ रुपये के कैश लेन-देन का पता लगा है, जिनका लेखा-जोखा नहीं है। पिछले साल 22 दिसंबर को कंपनी के ठिकानों पर तलाशी के दौरान आयकर विभाग ने गड़बड़ी पकड़ी थी। कंपनी के पास 4 करोड़ रुपये से अधिक की बिना हिसाब नकदी जब्त की गई। इसके बाद कंपनी के 25 से अधिक बैंक लॉकरों को सीज कर दिया गया। 

50 परिसरों पर तलाशी के 15 दिन बाद आया बयान 

आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली के 50 परिसरों पर तलाशी ली गई थी। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक आधिकारिक सूत्रों ने कंपनी के नाम के रूप में पॉलीकैब इंडिया लिमिटेड की पुष्टि की है। 

कंपनी ने कहा- आयकर विभाग ने दस्तावेज नहीं भेजे

सीबीडीटी के बयान से पहले पॉलीकैब ने बयान जारी कर 'कथित टैक्स चोरी' को अफवाह करार दिया। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज नियामक को स्पष्टीकरण जारी किया और बताया कि उन्हें आयकर विभाग की तरफ से तलाशी अभियान या छापेमारी के संबंध में कोई दस्तावेज मुहैया नहीं कराया गया है। 

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आयकर विभाग का दावा- टैक्स चोरी के ठोस सबूत मिले  

पॉलीकैब के ठिकानों पर तलाशी के संबंध में सीबीडीटी का दावा है कि छापेमारी के दौरान दस्तावेजों के साथ-साथ डिजिटल डेटा भी जब्त किया गया है। आयकर विभाग के मुताबिक बड़ी संख्या में ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे आर्थिक अपराध के संकेत मिलते हैं। कंपनी की तरफ से अधिकृत वितरकों की मिलीभगत से टैक्स चोरी की गई है। 

कारोबार के लिए 400 करोड़ का भुगतान, खाता-बही में दर्ज नहीं 

सीबीडीटी के आरोपों के मुताबिक शुरुआती विश्लेषण में पता चला है कि पॉलीकैब ने टैक्स की चोरी और अपनी आमदनी छिपाने के लिए बेहिसाब नकदी बिक्री, बेहिसाब खरीदारी के लिए नकद भुगतान, फर्जी परिवहन लागत जैसे उपाय किए। ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिनसे लगभग एक हजार करोड़ रुपये की बेहिसाब नकद बिक्री का पता लगा है। कच्चा माल खरीदने के लिए एक डिस्ट्रीब्यूटर ने कंपनी के नाम पर 400 करोड़ रुपये का भुगतान किया। खाता-बही में इसे भी दर्ज नहीं किया गया है।

करोड़ों रुपये के लेन-देन का हिसाब नहीं मिला

पॉलीकैब पर लगे टैक्स चोरी के आरोप मामले में सीबीडीटी ने कहा कि डिस्ट्रीब्यूटर की शह पर कई पार्टियों ने अपने अकाउंट्स में रकम बढ़ा-चढ़ा कर दिखाई। कुल मिलाकर ऐसी रकम लगभग 500 करोड़ रुपये है। इसके अलावा परिवहन लागत के रूप में करीब 100 करोड़ रुपये की गलत एंट्री / नहीं दर्ज किए गए खर्चों (Non-genuine Expenses) का भी भंडाफोड़ हुआ है।

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