Russia से सस्ते तेल खरीदने चला पाकिस्तान, लेकिन हो गया खेल
रूस के सस्ते कच्चे तेल का फायदा भारत और चीन ने जमकर उठाया है। करीब एक से डेढ़ साल बाद पाकिस्तान ने भी इस मौके पर चौंका लगाने का सोचा। काफी मशक्कत के बाद रूस के तेल पाकिस्तान तो पहुंचा लेकिन यहां कुछ ऐसा हुआ जिसकी उम्मीद खुद पाकिस्तान ने भी कभी नहीं की होगी। पाकिस्तान में जश्न का माहौल है। रूस से कच्चा तेल खरीदने पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। वहीं पाकिस्तान के चर्चित बिजनेस अखबार बिजनेस रेकॉर्डर के संपादक और आर्थिक मामलों के जानकार वकास ने ऐसा खुलासा किया है, जिसके बाद पाकिस्तान के होश उड़ गए हैं, साथ ही उनकी मानें तो पाकिस्तान इस तेल के खेल में जहां खुद को सिकंदर समझ रहा था, दरअसल भारत पहले ही नहले पर दहला मार चुका है। आइये समझते हैं आखिर हुआ क्या?

Russia के सस्ते कच्चे तेल का फायदा India और China ने जमकर उठाया है। करीब एक से डेढ़ साल बाद Pakistan ने भी इस मौके पर चौंका लगाने का सोचा। काफी मशक्कत के बाद रूस के तेल पाकिस्तान तो पहुंचा लेकिन यहां कुछ ऐसा हुआ जिसकी उम्मीद खुद पाकिस्तान ने भी कभी नहीं की होगी। पाकिस्तान में जश्न का माहौल है। रूस से कच्चा तेल खरीदने पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री Shehbaz Sharif अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। वहीं पाकिस्तान के चर्चित बिजनेस अखबार Business Recorder के संपादक और आर्थिक मामलों के जानकार Vakas ने ऐसा खुलासा किया है, जिसके बाद पाकिस्तान के होश उड़ गए हैं, साथ ही उनकी मानें तो पाकिस्तान इस तेल के खेल में जहां खुद को सिकंदर समझ रहा था, दरअसल भारत पहले ही नहले पर दहला मार चुका है। आइये समझते हैं आखिर हुआ क्या?
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पाकिस्तान ने बड़े अरमानों के साथ रूस से सस्ता तेल खरीदा और इसकी पहली खेप Karachi बंदरगाह पहुंच गई है। इसे अब पाकिस्तान की रिफाइनरी में भेजा जा चुका है। पाकिस्तान को अभी रूस से आया हुआ 45,000 मीट्रिक टन तेल मिला है। वहीं इसकी दूसरी खेप भी पाकिस्तान में जल्द पहुंचने वाली है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के चर्चित बिजनेस अखबार बिजनेस रेकॉर्डर के संपादक और आर्थिक मामलों के जानकार वकास ने बड़ा खुलासा किया है। उनका कहना है कि पाकिस्तान के जिस सस्ते कच्चे तेल को खरीदकर फूला नहीं समा रहा है। दरअसल उन्होंने बताया कि रूसी तेल पहले सीधा पाकिस्तान नहीं गया बल्कि ये तेल पहले भारत आया। इसके बाद भारत के गुजरात राज्य से ये फिर UAE गया और फिर इसके बाद ये तेल UAE से फिर पाकिस्तान गया। वकास ने कहा कि इस पूरे तेल के खेल से भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बिचौलियों ने जमकर पैसा बनाया है।
अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर कैसे हुआ तो इसके पीछे का गणित भी समझ लीजिए जो वकास ने बताया है। उनका कहना है कि रूस ने ये तेल भारत को 52 डॉलर प्रति बैरल में बेचा और इसके बाद भारत ने इसे UAE को बेच दिया और UAE से पाकिस्तान को तेल बेच दिया गया। पाकिस्तान को ये तेल 69 डॉलर प्रति बैरल का पड़ा। वकास ने दावा किया कि भारतीय खरीदार ने इस पाकिस्तानी तेल के सौदे में 17 डॉलर प्रति बैरल की कमाई की है। उन्होंने बताया कि रूस और पाकिस्तान के बीच ये करीब 2 लाख 50 हजार बैरल की डील है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस सौदे से भारतीय खरीदारों ने कितने पैसे बनाए हैं। यानि कि पाकिस्तान के हाथ सिर्फ और सिर्फ लॉलीपाप लगी है। वकास ने यहां पर ये बात भी साफ की अगर पाकिस्तान ने रूसी तेल को पिछले साल ठीक उसी दाम में खरीदे होता जिस दाम पर भारत ने खरीदा था तो पाकिस्तान सही मायनों में डिस्काउंट का फायदा उठा पाता। ऐसे में अगर वकास की बातों में सच्चाई तो ये सौदा पाकिस्ताने के लिए पूरी तरह से घाटे का है।
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