Narayana Murthy के बयान पर अब Sudha Murthy ने किया रिएक्ट?
नारायण मूर्ति ने 70 घंटों वाला बयान क्यों दिया। कुछ दिन पहले 3one4 कैपिटल के पॉडकास्ट के एडिशन में इंफोसिस के पूर्व cfo मोहनदास पई के साथ एक इंटरव्यू में इस बारे में बात की थी। उन्होंने भारत मे चीजों का प्रोडक्शन कम होने को लेकर टारगेट करते हुए एक बयान दिया था।

Narayana Murthy के हफ्ते में 70 घंटे काम करने वाले विचार के बाद सोशल मीडिया अभी तक गर्म है। उनके विचार से कुछ लोग सेहमत लगे तो कुछ नाराज। जिसमें भारतपे के को-फाउंडर Ashneer Grover ने भी रिएक्ट किया है। अश्नीर ग्रोवर ने कहा कि आम जनता ने नारायण मूर्ति के इस बयान को बहुत अच्छी तरह से नहीं लिया होगा, क्योंकि काम को अभी भी रिजल्ट के बजाए कार्यस्थल पर बिताए गए समय के आधार पर देखा जा रहा है। ग्रोवर ने आगे लिखा, दूसरी बात यह है कि लोगों को ऐसा लग रहा है जैसे युवाओं का आलसीपन ही भारत को विकसित होने से रोक रहा है। कुछ लोगों ने यहां तक के लिखा कि वो अपना जीवन तो गुजार चुके हैं, अब युवाओं की जिंदगी खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। अब ऐसे में नारायण मूर्ति की पत्नी Sudha Murthy ने मीडिया से खास बातचीत में बताया है कि वो इस पूरी डिबेट पर क्या सोचती हैं?
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हमेशा से सीधी बात करने वाली सुधा मूर्ति ने कहा, नारायण मूर्ति हफ्तें में खुद 80 से 90 घंटे तक काम करते हैं। उससे कम काम उन्होंने कभी किया नहीं, तो वो उससे कम काम करने के बारे में जानते ही नहीं। वो असली हार्ड वर्क में भरोसा करते हैं और उन्होंने उसी तरीके से जीवन जीया है। यहां तक के इन दिनों के कॉर्पोरेट में काम के हालातों के बारे में भी सुधा मूर्ति ने खुलकर बताया। उन्होंने कहा कि लोगों के अभिव्यक्ति के तरीके अलग-अलग होते हैं। लेकिन नारायण मूर्ति ऐसे ही रहते थे, उन्होंने जो कहा, वे वैसे ही करते रहे। तो उन्होंने केवल अपना अनुभव साझा किया है और कुछ नहीं। आपको बता दें कि नारायण मूर्ति ने 70 घंटों वाला बयान क्यों दिया। कुछ दिन पहले 3one4 कैपिटल के पॉडकास्ट के एडिशन में इंफोसिस के पूर्व cfo Mohandas Pai के साथ एक इंटरव्यू में इस बारे में बात की थी। उन्होंने भारत मे चीजों का प्रोडक्शन कम होने को लेकर टारगेट करते हुए एक बयान दिया था। मूर्ति ने युवाओं की मेहनत के विषय पर बात की और कहा कि उनका मानना है कि युवाओं को देश के प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए। उन्होंने कहा चीन जैसे देश से प्रतिस्पर्धा करने के लिए देश के युवाओं को ज्यादा घंटे काम करना होगा, जैसा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान और जर्मनी ने किया था।