Narayan Murthy के बयान पर अब Adobe के सीईओ Shantanu Narayan का बयान
प्रतिस्पर्धा के बढ़ते दौर में नारायण ने छात्रों से कहा कि वे 'लंबे नजरिए' को ध्यान में रखें और स्वीकार करें कि वे हर चीज में शीर्ष पर नहीं रहेंगे। उन्होंने इसके लिए विराट कोहली का उदाहरण देते हुए कहा कि वे भी कभी-कभी डक पर आउट हो जाते हैं पर ये मायने नहीं रखता।

Narayana Murthy का हफ्ते में 70 घंटे काम करने वाला बयान सोशल मीडिया पर अभी भी ट्रे़ंड कर रहा है। भारतपे के को-फाउंडर Ashneer Grover, Narayan Murthy की पत्नी Sudha Murthy सहित कई लोगो ने इस पर राय दी है। करीब एक सप्ताह बाद अब तकनीकी दिग्गज Adobe के सीईओ Shantanu Narayan ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। मंगलवार को उस्मानिया विश्वविद्यालय में छात्रों के एक समूह को संबोधित करते हुए युवाओं से अपील की कि वे वैसा ही करें जो उनके लिए बेहतर हो। इंफोसिस के पूर्व CFO Mohandas Pai के साथ एक इंटरव्यू में नारायण मूर्ति 70 घंटे काम करने वाले बात को कही थी । उन्होंने भारत मे चीजों का प्रोडक्शन कम होने को लेकर टारगेट करते हुए एक बयान दिया था।
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शांतनु नारायण ने कहा, "मैं कड़ी मेहनत करता हूं क्योंकि मैं जो करता हूं उससे प्यार करता हूं और चीजों को पूरा करना चाहता हूं। मेरे करियर में कई बार ऐसा समय आता है जब मैं कुछ करना चाहता हूं ऐसे में आप पागलों की तरह काम करते हैं। साथ ही, एडोब में ऐसे लोग हैं जो मेरे साथ काम करते हैं और वे समय निकालना चाहते हैं और मैं उनका समर्थन करता हूं। मंगलवार को उस्मानिया दीक्षांत समारोह में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाले पद्मश्री पुरस्कार विजेता ने इस बात पर भी जोर दिया कि पेशेवरों को वह करना चाहिए जो वे चाहते हैं। अगर आप जो करते हैं उसे पसंद नहीं करते हैं तो आप केवल खुद को दोषी मानते हैं। हैदराबाद में जन्मे कॉरपोरेट लीडर ने विश्वविद्यालय में अपने समय को याद करते हुए कहा कि वह बहुत अच्दे छात्र नहीं थे और इंजीनियरिंग के अपने अंतिम वर्ष में गंभीर हो गए थे। प्रतिस्पर्धा के बढ़ते दौर में नारायण ने छात्रों से कहा कि वे 'लंबे नजरिए' को ध्यान में रखें और स्वीकार करें कि वे हर चीज में शीर्ष पर नहीं रहेंगे। उन्होंने इसके लिए विराट कोहली का उदाहरण देते हुए कहा कि वे भी कभी-कभी डक पर आउट हो जाते हैं पर ये मायने नहीं रखता। इससे पहले आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन Harsh Goenka ने 70 घंटे काम के मसले पर नारायणमूर्ति के विचारों से असहमति जताई थी। उन्होंने कहा था हफ्ते में पांच दिन काम करने का चलन भी अब समाप्ति की ओर है। अब काम के घंटों से किसी भी उत्पादकता का अंदात नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर अपने विचार साझा किए थे।