शिफ्ट में काम करने को लेकर Narayana Murthy का फिर आया नया बयान
उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश जहां भरपूर एसपिरेशन है। मैंने लोगों को यहां दो शिफ्ट में काम करते देखा है। डेफिनेटली दो शिफ्ट में काम किया जाता है। कई बार मैं देर रात को आता हूं तो वो लोग काम कर रहे होते हैं।

तो इंफोसिस के को-फाउंडर Narayana Murthy ने एक बार फिर बड़ी कॉन्ट्रोवर्सी छेड़ दी है। इस बार उनका बयान 3 शिफ्ट में काम करने को लेकर आया है। जिसके बाद फिर से बवाल मच सकता है। क्योंकि हमने देखा था कि इससे पहले नारायण मूर्ति ने एक हफ्ते में 70 घंटे काम कराने को लेकर बयान दिया था, जिसने खूब सुर्खियां बटोरी थी। मिस्टर मूर्ति ने कहा था कि जर्मनी और जापान में दूसरे विश्व युद्ध के बाद लोगों ने यही किया था। वहां कुछ सालों तक हर नागरिक ने अतिरिक्त घंटों तक काम किया था। उनके 70 घंटों के बयान पर सोशल मीडिया पर पॉजिटिव और नेगेटिव हर तरह के रिएक्शन देखने को मिले थे। लेकिन अब उन्होंने 3 शिफ्ट में काम कराने को लेकर बड़ी बात कही है। तो उनका साफ कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक सिटी को तैयार करने के लिए, खास तौर मेट्रो प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए जहां पर ज्यादातर कंपनियां है। काम प्राययोरिटी यानि प्राथमिकता पर होना चाहिए। इंफ्रास्ट्रक्चर या इस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को 3 शिफ्ट में काम करना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि वो लोग एक शिफ्ट में आए, 11 बजे आए और 5 बजे शिफ्ट पूरी करके चले गए। इलेक्ट्रॉनिक रोड सिटी पर तो मैंने ये ही देखा है। क्या पता मैं गलत हूं। मिस्टर मूर्ति यहीं नहीं रूके उन्होंने एक दिन में 3 शिफ्ट की वकालत कर दी।
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उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश जहां भरपूर एसपिरेशन है। मैंने लोगों को यहां दो शिफ्ट में काम करते देखा है। डेफिनेटली दो शिफ्ट में काम किया जाता है। कई बार मैं देर रात को आता हूं तो वो लोग काम कर रहे होते हैं। यानि ऐसी जगहों पर 2 शिफ्ट में काम चल रहा होता है। हम बहुत सारे देशों से बेहतर बनना चाहते हैं। जिसके लिए हमारे लोगों को 3 शिफ्ट में काम कराया जा सकता है। हमें उनसे पूछना होगा कि 3 शिफ्ट में काम करने के लिए उनकों क्या चाहिए और कैसे उस प्रोजेक्ट को तय समयसीमा पर जल्द से जल्द खत्म किया जा सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि ये चीजे हमारे लीडर्स के जरिए हो सकती हैं और अगर हम ऐसा करेंगे तो चीन को पछाड़ना भी ज्यादा मुश्किल नहीं रह जाएगा।