Mukesh Ambani: Reliance Jio का बड़ा दांव, Sri Lanka में करेगी बिग एंट्री

मुकेश अंबानी की जियो पहले से ही भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बन चुकी है। अगर कंपनी श्रीलंका टेलीकॉम PLC के लिए सफल बोली लगा पाती है तो भारत से बाहर उसका पहला विस्तार होगा। ब्रोकरेज कंपनी BofA ने जियो प्लेटफॉर्म्स की वैल्यूएशन 107 अरब डॉलर आंकी है।

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मुकेश अंबानी
मुकेश अंबानी

By Harsh Verma:

नए साल में Mukesh Ambani एक के बाद एक धमाकेदार खबरें सुनाते जा रहे हैं। पहले खबर आई कि जियो फाइनेंशियल दुनिया की दिग्गज कंपनी ब्लैकरॉक के साथ जियो फाइनेंशियल सर्विसेज और ब्लैकरॉक फाइनेंशियल मैनेजमेंट ने देश में म्यूचुअल फंड कारोबार को लॉन्च करने के लिए लाइसेंस हासिल करने के लिए शेयर बाजार के रेग्यूलेटर SEBI के पास आवेदन करने जा रही है यानि जल्द ही मुकेश अंबानी की कंपनी म्यूचुअल फंड्स इंडस्ट्री में डिसरप्शन करने वाली है। फिर खबर आई कि RIL ने रिकॉर्ड तोड़ा, जिसके चलते मुकेश अंबानी 100 अरब डॉलर की नेटवर्थ क्लब में शामिल हो गए और अब इस साल की शुरुआत के साथ ही तीसरा धमाका। मुकेश अंबानी की नजर अब श्रीलंका पर है। आप सोच रहे होंगे कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था तो पहले चरमराई हुई है तो पहले तो आपको जानकारी दे दें कि आर्थिक संकट के बाद पहली बार श्रीलंका की GDP में वृद्धि हुई है। हालांकि IMF की सख्त पाबंदियों से ये देश गुजर रहा है और ये संकट कोई छोटा-मोटा नहीं बल्कि विशाल है। इन सब के बीच मुकेश अंबानी श्रीलंका पर बड़ा दांव खेलने जा रहे हैं। 

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मुकेश अंबानी  का प्लान 

दरअसल मुकेश अंबानी अब जियो का दायरा भारत में नहीं बल्कि विदेश में फैलाने की तैयारी कर रहे हैं। भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो आने वाले समय में देश की सीमा से बाहर अपनी जड़ों को फैलाती हुई दिख सकती है। अगर सब ठीक रहा तो पड़ोसी देश Sri Lanka में भी मुकेश अंबानी की कंपनी की टेलीकॉम सर्विस शुरू हो सकती हैं। अब जरा गौर से समझते हैं मुकेश अंबानी का प्लान क्या है? मुकेश अंबानी श्रीलंका की सरकारी दूरसंचार कंपनी Sri Lanka Telecom PLC में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इसके लिए अंबानी की कंपनी Jio Platforms Limited ने दिलचस्पी दिखाई है और इसकी आधिकारिक पुष्टि भी हो गई है। श्रीलंका की सरकार ने वहां की सरकारी टेलीकॉम कंपनी के प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया के बारे में बयान जारी किया। इसका मतलब साफ है कि श्रीलंका की सरकार टेलीकॉम कंपनी में मुकेश अंबानी हिस्सेदार बन सकते हैं।

सरकारी कंपनी में हिस्सेदारी

अब अगला सवाल उठता है कि श्रीलंका सरकार आखिर अपनी सरकारी कंपनी में हिस्सेदारी क्यों बेच रही है? श्रीलंका का आर्थिक संकट साल-दो साल पहले नाजुक स्थिति में पहुंच गया था। दिवालिया होने की कगार पर खड़े देश को उस समय अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बेहद जरूरी मदद मिली थी।IMF ने मदद के बदले कुछ शर्तें तय की थी, जिनमें नॉन-कोर बिजनेस को प्राइवेटाइज यानि निजी करना भी शामिल है। इसी के तहत श्रीलंका की सरकारी टेलीकॉम कंपनी का भी प्राइवेटाइजेशन हो रहा है। अब ऐसा नहीं है कि अकेले मुकेश अंबानी ही श्रीलंका की सरकारी टेलीकॉम कंपनी में दिलचस्पी ले रहे हैं। श्रीलंका की सरकार ने श्रीलंका टेलीकॉम PLC के प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया 10 नवंबर 2023 से शुरू की। तब श्रीलंका की सरकार ने संभावित खरीदारों से दिलचस्पी जाहिर करने के लिए कहा था। इसके लिए 12 जनवरी की डेडलाइन तय की गई थी। डेडलाइन के बाद सरकार ने एक बयान में संभावित खरीदारों के नाम की जानकारी दी। श्रीलंका सरकार ने बताया कि सरकारी कंपनी को खरीदने में जियो प्लेटफॉर्म्स, Gortune इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट होल्डिंग और पेटिगो कमर्शियो इंटरनेशनल LDA शामिल है। जैसा कि आप जानते हैं कि मुकेश अंबानी की जियो पहले से ही भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बन चुकी है। अगर कंपनी श्रीलंका टेलीकॉम PLC के लिए सफल बोली लगा पाती है तो भारत से बाहर उसका पहला विस्तार होगा। ब्रोकरेज कंपनी BofA ने जियो प्लेटफॉर्म्स की वैल्यूएशन 107 अरब डॉलर आंकी है। बोफा ने एक नोट में कहा कि उसे उम्मीद है कि जियो प्लेटफॉर्म्स इस साल अपने एडवांस फीचर फोन जियोभारत और वायरलेस ब्रॉडबैंड डिवाइस जियोएयरफाइबर के साथ मार्केट में गहरी पैठ बनाते हुए नए ग्राहकों को जोड़ना जारी रखेगा। मुकेश अंबानी की कुल दौलत हाल ही में फिर से 100 बिलियन डॉलर के पार निकली है। इसके साथ ही वह भारत समेत पूरे एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने हुए हैं।

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